मुंबई। महाराष्ट्र में सियासी रस्साकस्सी के बीच भाजपा ने बाजी मारते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ मिलकर सरकार बना ली है। देवेंद्र फडणवीस ने आज सुबह राजभवन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में दोबारा शपथ ली। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एनसीपी के अजित पवार को भी उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। इसके साथ ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने का सपना टूट गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने फडणवीस और पवार को दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार जी को बधाई। मुझे विश्वास है कि वे महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए लगन से काम करेंगे।
अमित शाह ने फडणवीस और पवार को दी बधाई
अमित शाह ने महाराष्ट्र की दोबारा कमान संभालने वाले देवेंद्र फडणवीस को बधाई देते हुए ट्वीट किया, ‘श्री देवेंद्र फडणवीस जी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और श्री अजीत पवार को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर हार्दिक बधाई। मुझे विश्वास है कि यह सरकार महाराष्ट्र के विकास और कल्याण के प्रति निरंतर कटिबद्ध रहेगी और प्रदेश में प्रगति के नए मापदंड स्थापित करेगी।’
महाराष्ट्र को चाहिए एक स्थिर सरकार
दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘लोगों ने हमें स्पष्ट जनादेश दिया था लेकिन शिवसेना ने परिणाम आने के बाद दूसरी पार्टियों के साथ गठबंधन करने की कोशिश की। जिसकी वजह से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। महाराष्ट्र को एक स्थिर सरकार की जरूरत है न कि खिचड़ी सरकार की।’
हमने स्थिर सरकार बनाने का फैसला लिया
राज्य के उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद एनसीपी के अजित पवार ने कहा, ‘परिणाम वाले दिन से लेकर आज तक कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना पाई है। महाराष्ट्र कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहा है जिसमें किसान का मुद्दा भी शामिल है। इसलिए हमने स्थिर सरकार बनाने का फैसला किया।’
शरद पवार ने दी सहमति
सूत्रों का कहना है कि शरद पवार देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार के गठन के लिए होने वाली चर्चा का हिस्सा थे। उन्होंने अजित पवार को आगे बढ़ने के लिए अपनी सहमति दी थी।
उद्धव ठाकरे के नाम पर बनी थी सहमति
फडणवीस ने मुख्यमंत्री के तौर पर दोबारा शपथ लेकर सभी को चौंका दिया। उन्होंने ऐसे समय पर शपथ ली है जब माना जा रहा था कि राज्य में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना सरकार बनाने वाली है और मुख्यमंत्री पद के लिए उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति बन गई है। शुक्रवार को तीनों दलों के बीच सरकार गठन को लेकर बातचीत अंतिम चरण में पहुंच चुकी थी। लेकिन शनिवार सुबह सारी की सारी चर्चा धरी की धरी रह गई जब फडणवीस को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।
राज्यपाल ने दिया था तीन पार्टियों को सरकार बनाने का मौका
बता दें कि 24 अक्तूबर को आए चुनाव परिणाम में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन उसके पास सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत नहीं था। वहीं चुनाव पूर्व उसकी गठबंधन पार्टी शिवसेना ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए और बाद में उससे नाता तोड़ लिया। तय समयसीमा के अंदर सरकार न बनने पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया था। जिसके बाद राज्यपाल कोश्यारी ने पहले सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते भाजपा को सरकार बनाने का निमंत्रण दिया था। जिसपर भाजपा ने अपनी असमर्थतता जाहिर की। इसके बाद शिवसेना को सरकार बनाने का मौका मिला लेकिन वह भी तय समय के अंदर राज्यपाल को समर्थन पत्र नहीं सौंप पाई।
इसके बाद एनसीपी को सरकार बनाने का मौका दिया गया लेकिन वह भी नहीं बना पाई। जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की गई जिसे कि स्वीकार कर लिया गया। हालांकि गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया था कि जिस पार्टी के पास बहुमत है वह सरकार बनाने के लिए राज्यपाल को प्रस्ताव दे सकता है। इसके बाद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी सरकार बनाने को लेकर लगातार बैठकें कर रही थीं। यहां तक कि तीनों के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत सरकार बनाने को लेकर रजामंदी भी बन गई थी। लेकिन शनिवार को उनकी इन कोशिशों को तगड़ा झटका लग गया।
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