गाज़ियाबाद। लोनी क्षेत्र अंतर्गत आवास विकास परिषद द्वारा अधिगृहीत मंडोला विहार योजना की भूमि में चोरी छिपे डाले और जलाए जा रहे ई-कचरे से परेशान मंडोला गांव के किसानों ने बृहस्पतिवार को अपने गले में फंदे डालकर तहसील का घेराव किया। आरोप है कि उपजिलाधिकारी के आश्वासन के बावजूद एक माह के दौरान ई-कचरे को नहीं हटाया गया। किसान देर शाम तक आरोपित अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग पर अड़े रहे।
दोपहर करीब बारह बजे मंडोला गांव के किसान अपने गले में फंदा डालकर लोनी तहसील पर पहुंचे। तहसील पर तैनात पुलिस द्वारा अंदर न जाने देने पर किसान तहसील के बाहर बैठ गए। नीरज त्यागी ने बताया कि मंडोला विहार योजना के लिए अधिगृहीत भूमि पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा ई-कचरा डाला जा रहा है। मौका मिलने पर असामाजिक तत्व उसे जला देते हैं। जिससे आसपास के लोगों को सांस लेने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। 31 अक्टूबर को किसानों ने आवास विकास परिषद कार्यालय पर ई-कचरा डालकर विरोध प्रदर्शन किया था।
मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी प्रशांत तिवारी ने दो दिन के भीतर कचरा उठवाने का आश्वासन दिया था। आरोप है कि एक माह के दौरान भूमि से ई-कचरा नहीं उठाया गया। दोबारा प्रदर्शन करने पर भी केवल आश्वासन मिला। लेकिन अधिकारियों द्वारा कचरा नहीं उठवाया गया। उनका आरोप था कि आविप अधिकारियों की मिली भगत से अधिग्रहित भूमि पर कचरा डाला जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों और कचरा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
प्रदूषण के खिलाफ लोनी बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने किसानों का समर्थन किया। मौके पर पहुंचे तहसीलदार प्रकाश सिंह ने मांग पर जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया। साथ ही धरना समाप्त कराने को कहा। लेकिन किसान प्रदूषण कारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग पर आडे़ रहे। तहसीलदार प्रकाश सिंह ने बताया कि किसानों की मांग पर जांच कर आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। शाम करीब पांच बजे किसान धरना समाप्त कर वापस लौट गए।
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