नई दिल्ली। प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्य सचिव को फटकार लगाई है। एनजीटी ने यह फटकार दिल्ली की 51 हजार प्रदूषण फैलाने वाली यूनिट्स को लेकर लगाई है। एनजीटी इस मामले में 20 जनवरी को फिर से सुनवाई करेगा।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से दिल्ली सरकार ने कहा कि 29 हजार यूनिट्स को आवासीय इलाकों से हटाकर इंडस्ट्रियल एरिया में शिफ्ट किया गया है, लेकिन कोर्ट इस बात से नाराज था कि सरकार अभी तक 22 हजार प्रदूषित करने वाली उन यूनिट्स को नहीं हटा सकी है जो आवासीय इलाको में गैरकानूनी तरीके से चल रही है।
बिजली क्यों नहीं काटी गई?
एनजीटी ने दिल्ली सरकार से सीधा सवाल किया कि प्रदूषण को कम करने और प्रदूषण फैलाने वाली अवैध यूनिट्स को हटाने के लिए अब तक क्या-क्या गंभीर कदम आपने उठाए गए हैं। एनजीटी कोर्ट ने कहा कि जो लोग अभी भी प्रदूषण फैलाने वाली यूनिट्स को आवासीय इलाकों में चला रहे हैं, उनकी बिजली क्यों नहीं काटी गई। उनके खिलाफ आपने प्रदूषण फैलाने के लिए नोटिस क्यों नहीं जारी किया?
कोर्ट ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट?
कोर्ट ने आगे कहा कि कुछ महीनों में चुनाव होने हैं, फिर आपके अधिकारी फिर उसमें व्यस्त हो जाएंगे और हम दिल्ली में रहने वाले लोगों को अगले साल फिर यू हीं प्रदूषण को झेलना पड़ेगा। क्या आपको नहीं लगता कि आप खुद प्रदूषण को बढ़ावा दे रहे हो?
एनजीटी ने सरकार से सीधा सवाल किया कि दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को कम करने और प्रदूषण फैलाने वाली अवैध यूनिट्स को हटाने के लिए अब तक क्या वाकई गंभीर कोशिश की है?
एनजीटी ने दिल्ली सरकार ने कहा कि वो इस पूरे मामले पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे, और बताए कि जिन 13 हजार यूनिट्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था उस पर अब तक सरकार की तरफ से क्या कारवाई की गईं है।
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