गाज़ियाबाद। पूरे प्रदेश में आवारा पशुओं को आसरा देने में गाज़ियाबाद चौथे नंबर पर है। इसके अलावा बेसहारा पशुओं के लिए गौवंश आश्रय स्थल भी बनाए गए हैं। बेसहारा पशुओं को आसरा देने के लिए खिंदौडा गांव में 120 लाख की धनराशि से गौशाला बनाई जा रही है। मोदीनगर में अवस्थापना निधि से कान्हा गौशाला बनाई गई है। जिसमें 262 पशुओं को संरक्षण दिया गया। लोनी में कान्हा उपवन गौशाला का निर्माण 148.59 लाख की लागत से गौशाला बनाई जा रही है। इतना ही नहीं 230 किसानों को पशुओं का पालन करने का जिम्मा सौंपा है।
जिला पशु चिकित्सा विभाग ने बेसहारा पशुओं के लिए 26 अस्थाई स्थान बनाए हैं। जिनमें शहरी क्षेत्र में 2183 और ग्रामीण क्षेत्र में 1355 यानि कुल 12183 और ग्रामीण क्षेत्र में 1355 यानि कुल 3538 पशुओं को संरक्षण दिया गया है। किसानों ने भी इस आवारा पशुओं को पालने की इच्छा जताई इसके बाद 118 इच्छुक पशुपालकों को 230 गोवंश सुपुर्द किये गए। इन पशुओं के चारे के लिए प्रदेश सरकार ने दो करोड़ रुपये की धनराशि जारी की इसके अलावा स्थानीय लोगों की मदद से इन बेसहारा पशुओं के खाने-पीने की व्यवस्था की गई।
जिला मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ बिजेंद्र त्यागी ने बताया कि वर्तमान में साढ़े तीन हजार से अधिक पशुओं को संरक्षण दे रखा है। स्थाई गौशाला का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। ताकि अस्थाई गौशालाओं से इन पशुओं को यहां शिफ्ट किया जा सके। गौवंश संरक्षण योजना में पूरे यूपी में गाज़ियाबाद का चौथा स्थान है। इतना ही नहीं अपने पशुओं को बेसहारा छोड़ने पर नगर निगम गाज़ियाबाद द्वारा 38,900 नगर पालिका खोड़ा द्वारा 7500 रुपये की धनराशि वसूली गई है।
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