गाज़ियाबाद। मेयर से टैक्स चोरी के सबूत मांगने वाले पार्षद राजेंद्र त्यागी के पास अब जवाब नहीं है। यही नहीं मेयर से जो लोग अभी तक सवाल ख्रड़े कर रहे थे कि मेयर बिना सबूत के बात कर रही हैं, ऐसे कई पार्षद व अधिकारी बैकफुट पर आ गए हैं। किस तरह से प्रॉपर्टी की एआरवी कम कर हाउस टैक्स को घटाकर नगर निगम को ही चपत लगाई जा रही है, मेयर ने इसका खुलासा भी किया। इससे सहजता से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कई निगम कर्मचारी प्रॉपर्टी की एआरवी कम कर टैक्स की चोरी करा रहे हैं और संभावना है कि ऐसा करने वाले कर्मचारी प्रॉपर्टी मालिक से मोटी रकम भी वसूल रहे हैं। यानि भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है कि निगम कर्मचारी अब नगर निगम को ही चपत लगा रहे हैं।
मेयर ने इसके लिए कई प्रॉपर्टी के सबूत पेश किये। प्रताप विहार पी ब्लॉक सेक्टर-12 की एक प्रॉपर्टी का नगर निगम द्वारा वित्तीय वर्ष-2015-16 में 1.06 लाख रुपये हाउस टैक्स लगाया जबकि सही में यह टैक्स 2.19 लाख रुपये बैठता था। इस तरह से इस प्रॉपर्टी पर निगमकर्मियों ने ही १.१२ लाख रुपये कम टैक्स लगाया। इसी प्रॉपर्टी पर वित्तीय वर्ष-2019-20 में नगर निगम ने टैक्स रिवाइज किया, जिसे बढ़ाकर 1.46 लाख तय कर नोटिस जारी किया, जबकि मेयर की जांच में पाया गया कि इस प्रॉपर्टी पर 4.39 लाख रुपये हाउस टैक्स होना चाहिए था।
इस तरह से 2.93 लाख रुपये हाउस टैक्स कम लगाकर निगम को चपत लगाई गई। इसी तरह से प्लॉट संख्या-36 साउथ साइट-जीटी रोड विजयनगर में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। नगर निगम ने इस प्रॉपर्टी पर वित्तीय वर्ष-2016-17 में 4.73 लाख रुपये हाउस टैक्स रोपित किया, जो एआरवी घटाकर किया गया। जबकि सही टैक्स 7.89 लाख रुपये बैठता है। इस प्रॉपर्टी में 3. 15 लाख रुपये टैक्स की चोरी की।
इसी तरह से साउथ साइड जीटी रोड विजयनगर की प्रॉपर्टी 35/ 1 में 2016- 17 में टैक्स नगर निगम द्वारा 3.36 लाख रुपया रोपित किया गया। जांच में पाया गया कि नगर निगम कर्मचारी ने इसकी एआरवी घटाकर यह टैक्स लगाया था जबकि सही टैक्स 5.60 लाख रुपये है और इस प्रॉपर्टी पर टैक्स चोरी 2.24 लाख रुपये पाई गई। ऐसा ही एक मामला 2016 में साउथ साइड जीटी रोड विजयनगर की प्रॉपर्टी-35 का सामने आया।
नगर निगम प्रशासन की ओर से 2016-17 में इस प्रॉपर्टी पर3..45 लाख रुपये टैक्स लगाया गया, जबकि सही में यह टैक्स 6.76 लाख रुपये बैठता था। इस प्रॉपर्टी में नगर निगम ने 3.33 लाख रुपये हाउस टैक्स कम लिया। इसी तरह से प्रॉपर्टी संख्या-13/1 साउथ साइड विजयनगर का भी एक मामला सामने आया। मेयर ने बताया कि 2018-19 में नगर निगम प्रशासन ने जो टैक्स लगाया उसमें एआरवी 4078598 रुपये दिखाई गई और टैक्स लगाया गया 5.71 लाख रुपये। मेयर द्वारा प्रॉपर्टी की जांच कराई गई तो एआरवी मौके पर 7523664 रुपये पाई गई और टैक्स बनता है 10.53 लाख रुपये। इस प्रॉपर्टी में 4.82 लाख रुपये टैक्स चोरी हुआ। मेयर ने कहा है कि उनके पास ऐसे बहुत सारी प्रॉपर्टी के सबूत हैं।
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