नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट अयोध्या विवाद और कर्नाटक के 17 अयोग्य विधायकों पर फैसला सुनाने के बाद गुरुवार को दो और बड़े मामलों पर अपना अहम फैसला सुनाएगा। इसमें सुप्रीम कोर्ट की ओर से राफेल और सबरीमाला मामले में दायर पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट सुबह साढ़े 10:30 बजे फैसला सुनाएगा। वहीं, सुप्रीम कोर्ट राहुल गांधी के ‘चौकीदार चोर है’ वाले बयान पर भी उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की मांग पर भी फैसला सुनाएगा। हालांकि राहुल गांधी अपने बयान के लिए कोर्ट से माफी मांग चुके हैं।
दरअसल, सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश दिए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में दर्जनों याचिका दायर कर कहा गया था कि इस पर दोबारा विचार किया जाए। पांच सदस्यों वाली संविधान पीठ ने 4:1 के अनुपात से फैसला सुनाया था कि सबरीमला मंदिर में हर आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी जाए।
राफेल मामले में पिछले साल 14 दिसंबर को दिए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की पुनर्विचार की मांग के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा व अरुण शौरी समेत कई अन्य लोगों की तरफ से दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट को निर्णय लेना है।
राहुल गांधी के ‘चौकीदार चोर है’ वाले बयान के मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश प्रशांत भूषण ने कहा था कि दिसंबर 2018 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि हम राफेल डील के कॉन्ट्रैक्ट को रद्द करने की मांग कर रहे थे, जबकि ऐसा कुछ नहीं है। हम सिर्फ इस मामले में एफआईआर दर्ज़ कर जांच करने की मांग कर रहे थे। प्रशांत भूषण ने आगे कहा था कि ये फैसला सरकार की ओर से दी गई गुमराह करने ग़लत जानकारी पर आधारित है, इसी वजह से हम पुर्नविचार की मांग कर रहे हैं।
प्रशांत भूषण ने कहा था कि 18 सितंबर को CCS की मीटिंग में डिफेंस डील के 8 महत्वपूर्ण क्लोस को अनदेखा किया गया था। यहां तक कि एन्टी करप्शन क्लोज को अनदेखा किया गया। प्रशांत भूषण ने आगे कहा कि राफेल विमानों का बेंचमार्क मूल्य तय था। यह 5 बिलियन यूरो तय किया गया था, लेकिन राफेल का फाइनल प्राइस उसके बेंचमार्क मूल्य से 55.6% अधिक था और यह समय के साथ बढ़ता गया। इस मामले में कोई बैंक गारंटी भी नहीं है. इसमें केवल फ्रांस द्वारा जारी एक लेटर ऑफ कम्फर्ट है।
प्रशांत भूषण ने अपनी दलील में आगे कहा था कि हम चाहते हैं कि सीबीआई राफेल डील को लेकर जांच करे। हम राफेल डील को रद्द नहीं करना चाहते। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जांच की मांग पर सुनवाई नहीं की बल्कि इस आधार पर सुनवाई की कि हम कॉन्ट्रैक्ट रद्द कराना चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि केंद्र ने कोर्ट के समक्ष उस समय CAG की उस रिपोर्ट का हवाला दिया जो उस समय अस्तित्व में ही नहीं थी। उस जानकारी के आधार पर कोर्ट ने फैसला दिया।
हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post