जयपुर। महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे तो आ गए थे लेकिन अभी तक सरकार नहीं बन पाई है। हॉर्स ट्रेडिंग से बचने के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपने 44 विधायकों को राजस्थान के जयपुर भेज दिया था, जिनकी अब वापसी हो रही है। महाराष्ट्र में अब राष्ट्रपति शासन है, ऐसे में सभी कांग्रेस विधायक मुंबई वापस लौट रहे हैं।
महाराष्ट्र कांग्रेस के 44 विधायक पिछले कुछ दिनों से जयपुर के 5 स्टार रिजॉर्ट में रुके हुए थे। गौरतलब है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है, ऐसे में पार्टी विधायकों के लिए ये सुरक्षित स्थान रहा था। बीते दिनों से सभी विधायक इसी रिजॉर्ट के जरिए अपने आलाकमान के संपर्क में थे, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी लगातार यहां पर उनसे बैठक कर रहे थे।
राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) के साथ चल रही सरकार गठन की चर्चा के बीच जब मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल, केके वेणुगोपाल जैसे नेता जब आलाकमान से बात कर रहे थे तो विधायकों के लिए संदेश इधर ही आया था। जयपुर में कांग्रेस विधायकों की बैठक के दौरान ही कांग्रेस नेता केसी पदवी से जब शिवसेना जैसी उलट विचारधारा वाली पार्टी से गठबंधन की बात हुई तो उन्होंने जवाब दिया कि भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में पीडीपी से हाथ मिलाया था, ऐसे में उसे कांग्रेस पर सवाल नहीं करना चाहिए।
महाराष्ट्र में चला बैठकों का दौर?
शिवसेना की ओर से सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस से संपर्क किया गया। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पहले शरद पवार से बात की, फिर सोनिया गांधी से बात की। हालांकि, तीनों पार्टियों के बीच कुछ फाइनल फैसला नहीं हो पाया और सरकार गठन पर आगे की चर्चा रुक गई। राज्यपाल की ओर से शिवसेना, एनसीपी को 24-24 घंटे का समय दिया गया था लेकिन दोनों ही पार्टियां इस दौरान समर्थन पत्र नहीं जुटा पाई थी। यही कारण रहा है कि अब राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया है।
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