गाज़ियाबाद। जिले में प्रदुषण की समस्या बढती ही जा रही है। मंगलवार को गाज़ियाबाद देश में दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। सुबह के मुकाबले शाम प्रदूषण की स्थिति ज्यादा खराब रही। इस दौरान लोगों की आंखों में जलन भी हुई। वहीं, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने निर्माण कार्य करते हुए पकड़े जाने पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) पर 26 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
शासन प्रशासन द्वारा वायु प्रदूषण पर रोकथाम के लिए सड़क पर छिड़काव करने, निर्माण कार्य पर रोक लगाने समेत विभिन्न कदम उठाया गया है। इसके बावजूद भी गाजियाबाद प्रदूषण के आगोश से बाहर नहीं आ पा रहा है। मंगलवार को गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ)-453 रहा, जो देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है। एक्यूआइ-458 के साथ पानीपत देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। मंगलवार को गाजियाबाद में पीएम 2.5 और पीएम 10 औसत से कई गुना ज्यादा रहा।
प्रदूषण रोकने के लिए यूपीपीसीबी लगातार कार्रवाई कर रहा है। हर रोज प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर जुर्माना लगाया जा रहा है, इसके बाद भी निर्माण कार्य पर रोक नहीं लग पा रही है। सरकारी महकमें ही नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। मंगलवार एनएचएआइ द्वारा विजय नगर क्षेत्र में निर्माण कार्य जारी रखने पर यूपीपीसीबी ने 26 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। 15 अक्टूबर से ग्रेप लागू होने के बाद यूपीपीसीबी ने अब तक 8.86 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। इसमें 6.88 करोड़ रुपये उद्योगों पर जुर्माना लगाया गया है। 1.45 करोड़ रुपये निर्माण गतिविधि पाए जाने पर, 25 लाख रुपये जुर्माना सड़क पर धूल उड़ने पर और 25 लाख रुपये जुर्माना सड़क पर कूड़ा डालने व कूड़े में आग पर लगाया गया है।
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