गाज़ियाबाद। नगरायुक्त और मेयर के बीच नगर निगम में टैक्स को लेकर शुरू हुए टकराव के बाद अब भाजपा के भी कई पार्षद मैदान में कूद गये हैं। पार्षद राजेंद्र त्यागी के साथ अब नगर निगम में पार्षद एवं सचेतक हिमांशु मित्तल ने भी मेयर को ही निशाने पर लेना शुरू कर दिया। उन्होंने मेयर से सीधा सवाल किया है कि अगर नगर निगम के अंदर टैक्स में घोटाला चल रहा है तो इसकी जिम्मेदारी किसके ऊपर है।
अगर टैक्स में घोटाला है तो मेयर बताएं कि किस शोरूम से कितना टैक्स लिया गया। किस प्रॉपर्टी पर कितना टैक्स कम लिया जा रहा है और किस इंड्स्ट्री पर नगर निगम ने टैक्स कैसे कम कर दिया। उन्होंने कहा कि नगर निगम को सार्वजनिक तौर पर बदनाम नहीं किया जाना चाहिए। चूंकि इसकी मुखिया खुद मेयर हैं और नगर निगम के सौ पार्षद और अधिकारी इससे जुड़े हैं।
अखबारों में जिस तरह से छप रहा है इसको रोज जनता पढ़ती है और इससे नगर निगम की छवि खराब हो रही है। उनका कहना है कि एक वर्ष के अंदर नगर निगम ने ३० हजार नई प्रॉपर्टी जनरेट की हैं, जिनसे नगर निगम को करीब ३७ करोड़ रुपये ज्यादा टैक्स मिला है। यह पिछले एक साल का आंकड़ा है।
उनका दावा है कि हर वर्ष हाउस टैक्स बढ़ाने को लेकर यूपी सरकार अपने स्तर से ही टारगेट को भी बढ़ाती है। पिछले वर्ष नगर निगम के हाउस टैक्स वसूलने का टारगेट 120 करोड़ रुपये था। इसमें अब 20 प्रतिशत का इजाफा कर दिया गया है। नगर निगम, शासन, पार्षद और अधिकारी तथा मेयर टैक्स चोरी रोकना चाहते हैं, मगर आरोप लगाने के साथ मेयर ये तो बताएं कि टैक्स चोरी हो कहां रही है।
उन्होंने मेयर पर एक और गंभीर आरोप लगाया कि जिस टैक्स विभाग के बाबू को बार-बार टारगेट किया जा रहा है वह एससी-एसटी से संबंध रखते हैं और भाजपा के ही एक ब्राह्मïण पार्षद के कहने पर मेयर उन्हें निशाने पर ले रही हैं। उनका कहना है कि नगर निगम के कविनगर जोन में एक ब्राह्मïण बिरादरी से जुड़े टैक्स बाबू पर भी आरोप है, मगर उनको मेयर टारगेट क्यों नहीं करतीं।
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