गाज़ियाबाद। जनवरी में सर्वे टीम स्वच्छ भारत सर्वेक्षण-2020 के लिए गाज़ियाबाद शहर का दौरा करेगी। इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण में प्लस-प्लस कैटेगिरी होगी। इसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर के रख-रखाव के स्टेटस को देखा जाएगा। यानि जो भी सुविधा शहर में दी गई है उसका रख-रखाव नगर निगम किस तरह से कर रहा है। इसमें कम्युनिटी टॉयलेट से लेकर सार्वजनिक टॉयलेट, सफाई व्यवस्था, वेस्ट टू कम्पोस्ट मैनेजमेंट प्लांट, शहर के सौंदर्यीकरण के लिए किये गये कार्य, उनके रख-रखाव के कार्य शामिल हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 पूर्व में स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 से काफी अलग है।
2019 स्वच्छ सर्वेक्षण में इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की पॉलिसी पर काम किया जाना था। जिसके लिए ओडीएफ प्लस स्कीम लॉन्च की गई। इसे कारगर बनाने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर टॉयलेट और कम्युनिटी टॉयलेट यानि घरों में शौचालय बनाये गये। इसके लिए सरकार ने लोगों को पैसा भी मुहैया कराया। मगर इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 अलग मैथड पर है। इस सर्वेक्षण में पहले से मौजूद इन्फ्रास्ट्रक्चर के रख-रखाव के स्टेटस को देखा जाएगा, साथ ही फीडबैक भी लिया जाएगा। कुल मिलाकर फीडबैक के इस बार 100 में से 60 नंबर होंगे।
स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान फीडबैक के माध्यम से केंद्र सरकार यह समझने की कोशिश करेगी कि समस्याओं का निदान करने के लिए नगर निगम कितना गंभीर है। समस्या दर्ज होने के बाद वह उसको कितनी जल्दी एक्टिव होकर ठीक कराता है। इसी फीडबैक के आधार पर भी किसी भी शहर के लेवल को आंका जाएगा। नगर निगम के नोडल अधिकारी एके मिश्रा का दावा है कि नगर निगम गाजियाबाद इस बार भी स्वच्छ सर्वेक्षण में अच्छा प्रदर्शन करेगा। इसके लिए नगर निगम नई पॉलिसी पर काम कर रहा है। सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने से लेकर अवस्थापना सुविधाएं और बेहतरीन तरीके से मेंटेन की जा रही है।
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