दिल्ली : धरना देने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ डाली गई याचिका पर फरवरी में होगी सुनवाई

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने वकीलों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प के विरोध में 5 नवंबर को प्रदर्शन करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका की सुनवाई फिलहाल टाल दी है। अदालत ने इस मामले की सुनवाई की तारीख 12 फरवरी 2020 तय की है।

हाईकोर्ट ने याचिका पर इससे पहले सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। साथ ही वकीलों से कहा कि पुलिस के साथ समझौते के लिए वह अपने सक्षम अधिकारियों की मदद लें। दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग वाली याचिका गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई। इसमें मांग की गई कि विरोध-प्रदर्शन में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।

अधिवक्ता जीएस मणि ने याचिका दायर कर कहा, पुलिसकर्मियों का प्रदर्शन गैरकानूनी था। यह पुलिस बल (अधिकारों का प्रतिबंध) कानून की धारा 3 का उल्लंघन है। याचिका में पुलिस वालों द्वारा वकीलों को धमकाने पर भी चिंता जताई गई और वकीलों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया। मणि ने याचिका में गलत मैसेज और वायरल वीडियो जारी करने वाले आईपीएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की।

दिल्ली हाईकोर्ट में वकील राकेश कुमार लाकरा ने जनहित याचिका दायर कर धरना देने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। याचिका में उस पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई जिसने मामला विचाराधीन होने के बावजूद सोशल मीडिया पर बयानबाजी की।

लाकरा ने याचिका में केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस, पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक, अरुणाचल प्रदेश के डीजीपी मधुर वर्मा, दिल्ली के डीसीपी असलम खान, एनआईए एसपी संजुक्ता पाराशर और आईपीएस मेघना यादव को पार्टी बनाया है।

याचिका में इनके खिलाफ केंद्र सरकार को विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश जारी करने की मांग की गई। लाकरा ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त पर असलम खान के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया जो सोशल मीडिया पर लगातार बयानबाजी कर रहा था जबकि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन था।

हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad

Exit mobile version