यूपी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे से पहले यूपी के बागपत पुलिस ने रिजर्व पुलिस लाइन में दंगा नियंत्रण मॉक ड्रिल का आयोजन किया। हालांकि इस मॉक ड्रिल में पैलेट गन और स्मोक गन को पुलिसकर्मी फायर ही नहीं कर पाए। बागपत में किसान आंदोलन को टारगेट करते हुए दंगा नियंत्रण करने का मॉक ड्रिल किया गया था। जिसमें सरकारी हथियार फेल होते दिखाई दिए।
सीएम योगी 4 नवंबर को बागपत के रमाला शुगर मिल में विस्तारीकरण और 27 मेगावॉट विद्युत संयंत्र का उद्घाटन करेंगे। वहीं सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर सुनवाई पूरी हो चुकी है और अब फैसले का इंतजार है। ऐसे में बिगड़े हालातों से निपटने के लिए पुलिस लाइन में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। बागपत में मॉक ड्रिल के दौरान पैलेट गन और स्मोक गन जैसे हथियारों से फायर ही नहीं हो पाया। हालांकि परंपरागत हथियार जरूर कसौटी पर खरे उतरे।
बागपत के एसपी प्रताप गोपेंद्र यादव ने बताया कि पुलिस लाइन में मॉक ड्रिल करवाया गया। इसे हम एंटी राइट ड्रिल कहते हैं। करीब 3 महीने में एक बार एंटी राइट ड्रिल करके उपकरणों की जांच की जाती है। मॉक ड्रिल में पुलिसकर्मियों को अभ्यास कराया जाता है और जो कमी रहती है उन्हें समय रहते पूरा किया जाता है।
बता दें कि यूपी के हमीरपुर में भी पुलिस के हथियारों की हकीकत सामने आई। हमीरपुर में भी दंगा नियंत्रण मॉक ड्रिल किया। हालांकि इस दौरान पुलिस की आधा दर्जन बंदूकें फेल हो गईं। जिसके बाद पुलिसकर्मी पेचकस से बंदूक में फंसी गोली निकालने लगे तो कुछ पुलिसकर्मी जाम हुई बंदूकों को जमीन पर ठोकते हुए दिखाई दिए।
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