गाज़ियाबाद। जीडीए इंदिरापुरम से सटे महीउद्दीनपुर कनवानी में इंदिरापुरम एक्सटेंशन आवासीय योजना का शहरवासियों को नए साल में तोहफा देगा। नई आवासीय योजना को धरातल पर उतारने पर जीडीए ने काम शुरू कर दिया है।
नियोजन अनुभाग ने इंदिरापुरम एक्सटेंशन में टोटल स्टेशन सर्वे के लिए सेटेलाइट सर्वे शुरू कर दिया है। सर्वे 15 दिनों में पूरा हो जाएगा। सर्वे की रिपोर्ट आते ही नियोजन अनुभाग नई आवासीय योजना के ले-आउट पर काम शुरू कर देगा। ले-आउट तैयार होते ही निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
कनावनी गांव के पास 60 एकड़ जमीन पर जीडीए की इंदिरापुरम एक्सटेंशन योजना लाने की तैयारी है। योजना में मुख्य रूप से एकल यूनिट के आवासीय, व्यावसायिक और स्कूल-कॉलेजों के भूखंड होंगे। इंदिरापुरम एक्सटेंशन की सड़कें 40 फुट से छोटी नहीं होगी।
योजना की मुख्य और अंदरूनी सड़कें 12 मीटर, 24 और 30 मीटर की होंगी। जीडीए ने 2005 में इंदिरापुरम एक्सटेंशन योजना के लिए महीउद्दीनपुर कनावनी गांव में 280 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। बड़े मुआवजे की मांग को लेकर कई लोगों ने कोर्ट का रुख कर लिया।
अधिक आर्थिक भार की संभावना के चलते जीडीए ने विवादित 220 एकड़ जमीन के डिनोटिफिकेशन का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में पास करा शासन को भेज दिया है। अब जीडीए ने अपने पास करीब 60 एकड़ जमीन पर नई आवासीय योजना लाने की योजना पर काम तेज कर दिया है। 30 एकड़ जमीन की योजना किसानों से लैंडपूल पॉलिसी के तहत लेनी है। लेकिन किसानों की सहमति के बाद ही योजना पर आगे बड़ा जा सकेगा।
दिल्ली-नोएडा की पांच से 10 मिनट की दूरी
इंदिरापुरम से सटी जीडीए की विस्तार योजना को लोग हाथों हाथ लेंगे। आवासीय योजना से दिल्ली व नोएडा पांच से 10 मिनट में पहुंचा जा सकेगा। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का काम पूरा होने से एनएच-9 पर लगने वाले जाम से मुक्ति मिलने के बाद दिल्ली के सराय काले खां रेलवे स्टेशन 20 मिनट में पहुंचा जा सकेगा।
वहीं, इंदिरापुरम विस्तार से नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कोने तक का सफर जल्द पूरा हो जाएगा। योजना में आवासीय भूखंड आने और अच्छी लोकेशन होने से लोगों को बड़ा लाभ होगा। इंदिरापुरम में वर्तमान भूखंड का सर्किल रेट 50 से 55 हजार प्रति वर्ग मीटर है। ऐसे में योजना में भूखंड इसी के आसपास या फिर ऊपर आने का अनुमान लगाया जा रहा है।
200 से 350 वर्ग मीटर के होंगे भूखंड
जीडीए अधिकारियों के मुताबिक इंदिरापुरम एक्सटेंशन में मुख्य रूप से एकल यूनिटों के भूखंडों की योजना लाई जाएगी। इसमें 200 वर्ग मीटर, 250, 300 और 350 वर्ग मीटर के भूखंड काटने की योजना है। जीडीए अधिकारियों ने साफ किया है आवासीय भूखंडों में केवल एकल यूनिट के निर्माण की अनुमति दी जाएगी।
नक्शा पास होने से लेकर निर्माण तक कड़ी मॉनीटरिंग की जाएगी। योजना में व्यावसायिक भूखंड होंगे। इसमें स्कूल-कॉलेज, पेट्रोल पंप आदि भूखंड़ों को शामिल किया जाएगा।
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