गाज़ियाबाद। मेरठ एक्सप्रेसवे के अंतर्गत नोएडा-गाजियाबाद सेक्शन पर अंतिम चरण की सड़क निर्माण का काम चल रहा है। ऐसे में इस सेक्शन पर करीब चार माह तक वाहन चालकों को डायवर्जन झेलना होगा। वहीं, दो सप्ताह से यहां होने वाले डायवर्जन से वाहन चालकों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आरपी सिंह ने बताया कि जो सड़कें बन गई हैं। उन पर बिटुमिनस कारपेट डाला जा रहा है। इसके बनने के बाद सड़क निर्माण का कार्य पूरा माना जाएगा। फिलहाल, यह काम मॉडल टाउन तिराहे के पास चल रहा है, जहां भारी भरकम मशीनें लाई गई हैं, जिनकी मदद से यह काम चल रहा है। जिस कैरेज वे पर इनकी मदद से काम किया जा रहा है।
उनके अलावा आसपास के कैरेज वे पर भी वाहनों का परिचालन बंद रखा जा है। इसका काम कभी एक्सप्रेसवे के मुख्य कैरेज वे में चल रहा है तो कई कभार सर्विस रोड पर भी मशीनों को लाया जा रहा है। ऐसे में सड़क बंद करके काम किया जा रहा है। इस बाबत ट्रैफिक पुलिस को पहले ही बता दिया जाता है कि कौन से सेक्शन पर काम करना है और ट्रैफिक की आवाजाही बंद की जानी है, ताकि किसी तरह की परेशानी न हो।
जिगजैग जैसे हो रहे हालात
वाहन चालकों का कहना है कि कई बार पीक ऑवर में आगे सड़क बंद होने का बोर्ड लगा होता है। इससे काफी परेशानी होती है। उक्त सड़क पर आगे निकलने पर डायवर्जन का सामना करते हुए आगे बढ़ना पड़ता है। इस वजह से ज्यादा समय लगता है। शिप्रा अंडरपास के पास कई बार वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी तरह से मॉडल टाउन अंडरपास पर भी डायवर्जन का सामना करना पड़ता है।
एक माह में पूरा होगा अंडरपास का काम
नोएडा-गाजियाबाद सेक्शन पर सात अंडरपास प्रस्तावित हैं। इनमें से तीन अंडरपास वाहनों के लिए खोल दिए गए हैं। चार अंडरपास एक माह में खुल जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि यहां तेज गति से काम चल रहा है और काम पूरा करने के बाद एक माह में सातों अंडरपास वाहनों के लिए खोल दिए जाएंगे।
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