गाज़ियाबाद। मेरठ एक्सप्रेस वे निर्माण की डेडलाइन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने चार महीने घटाकर जनवरी 2020 तय कर दिया है। लेकिन जनवरी तक खासकर दूसरे चरण में यूपी गेट से डासना तक निर्माण कार्य पूरा होना मुश्किल दिख रहा है। सबसे बड़ी दिक्कत रेलवे पुल को लेकर है। चिपियाना में अभी यह पुल बनना ही शुरू हुआ है जबकि एक पुल को बनने में कम से कम 7-8 महीने का समय लगता है। इस हिसाब से पुल अप्रैल-मई तक तैयार हो पाएगा।
एनएचएआई ने दूसरे चरण का काम 6 नवंबर 2017 में शुरू किया था। इसकी डेडलाइन पहले दिसंबर 2018 फिर मार्च 2019 रखी गई थी। बाद में एनएचएआई अधिकारियों का यह कहना रहा कि निर्माण एजेंसी एफको चेतक से उनका करार मई 2020 तक है इसलिए मई ही उनकी फाइनल डेडलाइन है।
इस बीच 30 सितंबर को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने तीसरे चरण (डासना से हापुड़) के उद्घाटन के अवसर पर जनवरी 2020 तक मेरठ एक्सप्रेस वे का कार्य पूरा करने की घोषणा कर दी। इससे एनएचएआई अधिकारियों की परेशानी बढ़ गई है। अधिकारियों का कहना है कि यह मंत्री जी का टफ टारगेट है। जनवरी तक रोड का काम काफी तेजी से खींचा जा सकता है लेकिन चिपियाना में रेलवे पुल को पूरा करना कठिन है।
लालकुआं के पास चिपियाना में 120 मीटर की दूरी में रेलवे पर पुल बनना है। इस पुल को लेकर शुरू से लेटलतीफी चल रही है। रेलवे ने डेढ़ साल तो एनओसी देने में लगा दी। पुल की डिजाइन भी रेलवे ने खुद तैयार की लेकिन रेलवे के ही कंस्ट्रक्शन टीम ने इस डिजाइन पर आपत्ति जता दी।
बृहस्पतिवार को अधिकारियों ने बताया कि डिजाइन संबंधी विवाद को निपटा लिया गया है। अब पाइलिंग का काम शुरू कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि एक पुल को बनाने में करीब आठ महीने का समय लग जाता है। इस हिसाब से अप्रैल मई तक पुल तैयार हो पाएगा।
बोले अधिकारी
जनवरी तक यूपी गेट से डासना के बीच 14 लेन की सड़क तैयार कर दी जाएगी। यूपी गेट और छिजारसी कट के पास 14 लेन का दो पुल भी दिसंबर से जनवरी तक तैयार हो जाएगा। रेलवे पुल को लेकर चिंता है। इस पुल को डेडलाइन तक तैयार करने की कोशिश की जाएगी।
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