गाजियाबाद। एकल यूनिटों पर होने वाले अवैध निर्माण पर अंकुश लगाने की दिशा में जीडीए ने प्रयास तेज कर दिए हैं। जीडीए के एकल यूनिटों के भवनों की रजिस्ट्री कराने से पहले प्राधिकरण से एनओसी लेने के सुझाव को स्टांप विभाग ने सिरे से नकार दिया था। विभाग ने इसे लागू न कर पाने के लिए एक्ट में कोई प्रावधान न होने का हवाला दिया था। ऐसे में इस व्यवस्था को लागू करने के लिए अब जीडीए ने शासन को पत्र भेजा है।
जीडीए का तर्क है कि नक्शे के विपरीत अवैध निर्माण पर व्यवस्था लागू होने से रोक लगाई जा सकेगी। एनओसी मांगे जाने से जीडीए संबंधित एकल यूनिटों के निर्माण की जांच कर सकेगा। एकल यूनिटों पर बड़े पैमाने पर नक्शे के विपरीत तादाद से अधिक फ्लैटों के निर्माण की शिकायत पर जीडीए उपाध्यक्ष ने जांच के आदेश दिए थे। फिर जोन-छह के इंदिरापुरम क्षेत्र में एक एकल यूनिटों पर 15 से 28 फ्लैटों के निर्माण का मामला सामने आया। इसके बाद जीडीए ने बिल्डरों पर एफआईआर, सीलिंग के साथ विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई शुरू की थी। वहीं, जोन-सात के राजेंद्रनगर में जीडीए की गठित कमेटी की जांच में 10 एकल यूनिटों पर 15 से 20 फ्लैटों का निर्माण होता हुआ पाया गया।
मामले में जीडीए उपाध्यक्ष ने पूरे प्रवर्तन जोन को हटाते हुए दो जेई के खिलाफ शासन को कार्रवाई की संस्तुति करने के साथ तीन सुपरवाइजरों को निलंबित कर दिया था। इस कार्रवाई के बाद जीडीए ने स्टांप विभाग को जीडीए क्षेत्र के एकल यूनिटों में भवनों की रजिस्ट्री करने से पहले प्राधिकरण से एनओसी लेने को कहा था। ऐसा कोई नियम न होने का हवाला देते हुए स्टांप विभाग ने एनओसी लेने से इंकार कर दिया था। ऐसे में अब जीडीए ने शासन को पत्र भेजकर प्राधिकरण की सपंत्तियों की रजिस्ट्री से पहले एनओसी लेने संबंधी मांग की है।
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