गाज़ियाबाद। विद्युत विभाग में एक लाइनमैन की कार घर पर खड़ी रही, लेकिन 15 चालान कट गए। जब चालान घर पहुंचे तो लाइनमैन के होश उड़ गए। उन्होंने पुलिस से शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इस फर्जीवाड़े को पकड़ने के लिए जो काम पुलिस को करना चाहिए था वह लाइनमैन ने किया और आरोपी को पकड़कर पुलिस को सौंपा।
मूलरूप से बुलंदशहर निवासी अरुण शर्मा मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र स्थित बिजलीघर पर बतौर लाइनमैन तैनात हैं। वह बिजलीघर में ही बने सरकारी आवास में रहते हैं। उनके मुताबिक उनकी कार का नंबर डीएल 14 सीबी 0270 है, जो उनके मामा हरिशंकर शर्मा के नाम पर रजिस्टर्ड है। अरुण का कहना है कि वह अगस्त से कार लेकर कहीं नहीं गए, लेकिन इसके बावजूद उनके पास इस बीच 15 ई-चालान पहुंच गए।
अरुण का कहना है कि उन्हें चालान पर कार का फोटो देखकर शक हुआ। कार का रंग और मॉडल तो एक जैसा था, लेकिन कार की कंडीशन में कुछ अंतर था। उनका कहना है कि इसके बाद उनके मामा के पास 7-8 ई-चालान पहुंचे।
अरुण शर्मा का कहना है कि गत 28 अगस्त को उनके मामा के पास एक साथ सात चालान आ गए। परेशान होकर उन्होंने दिल्ली पुलिस, दिल्ली यातायात पुलिस की वेबसाइट व गाजियाबाद पुलिस में कई बार शिकायत की, लेकिन कहीं कोई कार्रवाई नहीं हुई। दिल्ली पुलिस ने उन्हें ही चालान भरने को कहा।
अरुण शर्मा का कहना है कि उन्होंने चालान देखे तो अधिकतर अक्षरधाम, दिल्ली के आसपास के थे। सोमवार को उन्होंने पिता शिवशंकर को साथ लेकर अक्षरधाम के पास डेरा डाल दिया। इसी दौरान उन्होंने अपनी कार के नंबर की दूसरी कार देखी और पीछा शुरू कर दिया। कार जैसे ही गाजियाबाद में दाखिल हुई तो उन्होंने कंट्रोल रूम पर सूचना दे दी। संजयनगर पुलिस चौकी क्षेत्र में सेक्टर-23 संजयनगर पहुंचते ही पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया।
पुलिस के मुताबिक आरोपी युवक साहिबाबाद निवासी टैक्सी चालक सुनील कुमार है। वह अपनी टैक्सी नंबर की कार पर लाइनमैन की घरेलू गाड़ी के नंबर की प्लेट लगाकर चला रहा था। पुलिस ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
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