गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 125वीं जयंती पर आयोजित सांस्कृतिक समारोह में विद्यार्थियों ने देशभक्ति कविताओं व अपने विचारों के जरिये महापुरुषों को याद किया। इस मौके पर मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डाॅ. अशोक कुमार गदिया ने विद्यार्थियों से कहा कि पढ़ाई ज़रूरी है, करियर ज़रूरी है, मां-बाप, घर-बार और अन्य सुविधाओं की भी तमन्ना है, लेकिन सबसे पहले अपना देश है। इसके प्रति अपनी जिम्मेदारी कभी न भूलना। देश के विकास में ही हम सबका विकास निहित है।
उन्होंने महात्मा गांधी व शास्त्री जी के जीवन से जुड़े अनेक प्रसंग सुनाये। उन्होंने बताया कि गांधी जी सम्पन्न परिवार से होने के बावजूद सादा जीवन जिये और आम आदमी की तरह जनता के बीच रहे, इसीलिए उनका आंदोलन जन आंदोलन बना। अंग्रेजों से उन्होंने जनता के बूते स्वाधीनता छीनी। जनता की आवाज बने, तभी गांधी जी राष्ट्रपिता कहलाये। इसी प्रकार साधारण कद-काठी होने के बावजूद शास्त्री जी ने असाधारण कार्य किये। अन्न संकट से देश की जनता को छुटकारा दिलाया। दोनों महापुरुषों का जो सम्मान विदेशों में है, हमारे देश में भी वैसा अगर हो तो हम सच्चे देशभक्त कहलाने के लायक होंगे।
समारोह में नेहा झा एंड ग्रुप, अपर्णा एंड ग्रुप, प्रतिबद्ध सिन्हा, चंद्रशेखर आजाद ग्रुप, निष्ठा एंड ग्रुप, रितिका, उदिता एंड ग्रुप, मोनिका एंड ग्रुप, रिधिमा, रूपा, दीक्षा, रक्षिता, अश्वनी, प्रियांशी, टैगोर ग्रुप आदि ने नाटक, कविताएं, समूह गान, एकल गान आदि प्रस्तुत कर गांधी जी के स्वच्छता, छुआछूत, अहिंसा के पाठ को दोहराया। इस मौके पर मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डाॅ. अलका अग्रवाल समेत मेवाड़ परिवार के तमाम सदस्य मौजूद थे। राष्ट्रगान के साथ समारोह का विधिवत समापन हुआ।
हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post