नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। मलेरिया और चिकनगुनिया ने तो पिछले साल के आंकड़ों को भी पीछे छोड़ दिया है। दिल्ली नगर निगम द्वारा जारी की गई ताजा रिपोर्ट बताती है कि महज एक हफ्ते में डेंगू के 65 नए मामले सामने आ चुके हैं और इस वर्ष अब तक 282 डेंगू के मामले दिल्ली में सामने आए हैं।
वहीं, मलेरिया और चिकनगुनिया भी तेजी से पांव पसार रहा है। दोनों बीमारियों ने अपने पिछले वर्ष के आंकड़ों को भी पीछे छोड़ दिया है। महज एक हफ्ते में मलेरिया के 64 नए मामले दिल्ली में सामने आए हैं, जिससे इस वर्ष मलेरिया की अब तक 368 मामले हो चुके हैं, जो पिछले वर्ष के 308 मामलों से कहीं ज्यादा है।
वहीं, दूसरी ओर चिकनगुनिया ने भी दिल्ली में अपना कहर बरपा दिया है। केवल 1 हफ्ते में चिकनगुनिया के 13 केस दिल्ली में सामने आ चुके हैं और इस वर्ष का आंकड़ा 87 तक पहुंच गया है जो पिछले वर्ष के आंकड़े 79 से आगे हैं।
यह हाल तब है जब दिल्ली सरकार ’10 हफ्ते 10:00 बजे 10 मिनट’ डेंगू के खिलाफ महा अभियान चला रही है तो दूसरी ओर दिल्ली नगर निगम बी अपने स्तर से जगह-जगह डेंगू मलेरिया और चिकनगुनिया के खिलाफ अवेयरनेस कैंप चला रही है। बावजूद इसके दिल्ली में डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया तेजी से बढ़े हैं।
इसे लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। दिल्ली नगर निगम में आये दिन बीजेपी और आम आदमी पार्टी डेंगू में कमी के मामलों को लेकर क्रेडिट वार के लिए एक दूसरे से भिड़ते रहते हैं। कुछ दिन पहले सदन में जमकर हंगामा हुआ था जिसके बाद मेयर ने आम आदमी पार्टी के 25 पार्षदों को सदन से निलंबित भी कर दिया था।
बीजेपी का आरोप है कि केजरीवाल सरकार नगर निगम के प्रयासों का क्रेडिट ले रही है और करोड़ों रुपये का प्रचार कर रही है। वहीं, नगर निगम के पास डेंगू मलेरिया आदि से लड़ने वाले स्टाफ की भारी कमी है और सैलरी देने का फंड नहीं है। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी का दावा है कि बीते सभी सरकारों से ज्यादा केजरीवाल सरकार ने दिल्ली नगर निगम को फंड दिया है।
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