गाजियाबाद। राकेश मार्ग स्थित ‘माता वैष्णों मन्दिर’ परिसर में 17 से 4 से 7 बजे तक लगाये गये ‘रेकी चिकित्सा शिविर’ का समापन गुरुवार को हुआ । समापन पर शिविर की संयोजिका अर्चना शर्मा (योग शिक्षक व रेकी मास्टर हीलर) व सौम्या वत्स (मैडिटेशन शिक्षक व रेकी मास्टर हीलर) ने बताया कि शिविर में सरवाईकल, नसों के ब्लाक होने, किडनी में स्टोन, ओवरी में फाईवर, एसिडिटी व पेट में गैस की शिकायत के मरीज आये।
उन्होंने बताया कि रेकी जापानी चिकित्सा पद्धति का आध्यात्मिक उपचार है। जापानी भाषा में ‘रे’ का अर्थ है ‘उच्च ईश्वरीय शक्ति ऊर्जा’ तथा ‘की’ का अर्थ है ‘ जीवन शक्ति ऊर्जा’। रेकी शरीर के सभी चक्रों को सक्रिय और आभामंडल को साफ करती है। रेकी देने वाला अपनी ऊर्जा शक्ति को अपने हाथों में संचित कर मरीज की ऊर्जा शक्ति को प्रभावित कर उसके शरीर में जहाँ कष्ट है वहाँ पहुँचाने में मदद करता है। रेकी घर बैठे सुदूर मरीज को भी दी जा सकती है।
शिविर सहायिका अदिति अरोडा व वात्सी वत्स ने बताया कि अगला रेकी चिकित्सा शिविर शीघ्र ही नोएडा ( गौतमबुद्धनगर) में लगाया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसके बाद पहले महानगर में विभिन्न स्थानों पर फिर अन्य नगरों में भी शिविर लगाये जायेंगे।
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