गाजियाबाद। नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से मोहननगर तक मेट्रो फेज-तीन के तहत प्रस्तावित कॉरिडोर के लिए जीडीए को राज्य सरकार से आर्थिक मदद चाहिए। जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने बताया कि इस कॉरिडोर को बनाने में 1866 करोड़ रुपये की लागत आएगी। 274.80 करोड़ रुपये का अंशदान केंद्र सरकार देगी। बाकी 1567.20 करोड़ रुपये की फंडिग राज्य सरकार से मांगने के लिए प्रमुख सचिव आवास को पत्र भेजा दिया है।
जीडीए ने प्रमुख सचिव आवास को पत्र के माध्यम से अपनी, नगर निगम और अन्य विभागों की आर्थिक स्थिति से रूबरू कराया है। अवगत कराया है कि जीडीए पर पहले ही 1800 करोड़ रुपये के लोन की किस्तों को चुकाने का आर्थिक भार है। हिडन एलिवेटेड रोड बनाने और मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना को विकसित करने के लिए यह लोन लिया गया था। ऐसे में मेट्रो के तीसरे फेज को बनाने के लिए धनराशि उपलब्ध कराना जीडीए के लिए मुमकिन नहीं है। जनता के लिए इस परियोजना को जरूरी बताते हुए राज्य सरकार से फंडिग कराने की मांग की है। फंडिग का दूसरा प्रस्ताव
जीडीए ने अपने पत्र में कहा है कि 1567.20 करोड़ रुपये की फंडिग संभव न हो पाए तो इसकी 50 फीसद राशि ही उपलब्ध करा दी जाए। बाकी धनराशि का इंतजाम जीडीए, आवास विकास और यूपीएसआइडीसी मिल कर कर लेंगे। 5.917 किलोमीटर का कॉरिडोर
नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से मोहननगर तक प्रस्तावित मेट्रो कॉरिडोर की लंबाई 5.917 किलोमीटर होगी। इस पर पांच स्टेशन प्रस्तावित हैं। उनमें डीपीएस इंदिरापुरम, शक्तिखंड, वसुंधरा सेक्टर-पांच, वसुंधरा सेक्टर-2 और मोहननगर स्टेशन शामिल हैं।
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