नई दिल्ली। सऊदी अरब में आरामको के तेल संयंत्रों पर ड्रोन हमले से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ गई हैं और इसका दुनिया भर के बाजारों पर असर पड़ा है। सोमवार को शेयर बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई है। इसकी वजह से भारत में भी तेल कंपनियों के शेयरों पर दबाव है।
सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको का कहना है कि हमलों की वजह से तेल उत्पादन घटकर प्रतिदिन 5.7 लाख बैरल हो गया है। ये सब ऐसे समय में हुआ है जब अरामको खुद को दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक मार्केट में स्थापित करने के लिए तैयारी कर रही थी।
लंदन में इँटरफैक्स एजेंसी में विश्लेषण प्रमुख अभिषेक कुमार कहते हैं, सऊदी अधिकारियों ने आग पर काबू पाने का दावा किया, लेकिन इससे बात नहीं बनने वाली। जो नुक़सान हुआ है, वो बहुत अधिक है। तेल आपूर्ति सामान्य होने में कई हफ्ते लग जाएंगे।
न्यूयॉर्क में आरबीसी कैपिटल मार्केट्स के माइकल ट्रान कहते हैं, ”सब कुछ जल्द ही ठीक हो जाए तब भी उत्पादन में लगभग 6 प्रतिशत की गिरावट से इंकार नहीं किया जा सकता।”
इसके अलावा, इस हफ्ते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) व घरेलू संस्थागत निवेशकों के निवेश रुझान से बाजार को दिशा मिलेगी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने निर्यात को प्रोत्साहन देने और आवासीय क्षेत्र को बढ़ावा देने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था की सेहत सुधारने के लिए शनिवार को फिर कई उपायों की घोषणा की है।
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