नई दिल्ली। जल्द ही दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में यूनानी चिकित्सा को पहुंचाया जाएगा। अभी तक डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल और दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) अस्पताल में ही यूनानी ओपीडी चल रही है। शुक्रवार से सफदरजंग अस्पताल में यूनानी चिकित्सा सेंटर भी शुरू हो जाएगा। केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाईक इसका उद्घाटन करेंगे। बीते 11 जून से इस अस्पताल में यूनानी ओपीडी का ट्रायल चल रहा था, जिसकी सफलता को देखते हुए मंत्रालय ने अब सभी अस्पतालों तक इसे ले जाने का फैसला लिया है।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कटोचा ने बताया कि आयुर्वेद और होमियोपैथी के अलावा यूनानी और सिद्घा चिकित्सा पद्घति को भी बढ़ावा देना जरूरी है। ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसका लाभ पहुंचाने के लिए अस्पतालों में यूनानी और सिद्घा ओपीडी शुरू की जा रही है।
सफदरजंग अस्पताल में यूनानी डॉ. सैय्यद अहमद खां ने बताया कि बीते 11 जून से 22 जुलाई तक ट्रायल के बाद यूनानी ओपीडी शुरू हुई। दो माह के दौरान ही यूनानी ओपीडी में प्रतिदिन 90 से ज्यादा रोगी पंजीयन करा रहे हैं। चिकित्सा अधीक्षक ब्लॉक की पहली मंजिल पर मौजूद यूनानी ओपीडी के साथ अब शुक्रवार से सिद्घा चिकित्सा भी शुरू होगी। मरीजों को दवाएं भी नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं। वहीं, फॉलोअप केस भी हर दिन पहुंच रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से चर्म रोग, पाचन तंत्र और जोड़ों में दर्द से जुड़े असाध्य रोगों का उपचार चल रहा है। चूंकि, दिल्ली में चर्मरोग और जोड़ों में दर्द को लेकर काफी मामले देखने को मिलते हैं। इसलिए यूनानी ओपीडी में मरीजों की संख्या काफी बढ़ी है।
मेटोबॉलिक डिसऑर्डर और बिगड़ती जीवनशैली की इन रोगों के पीछे मुख्य भूमिका रहती है। यूनानी चिकित्सा इसमें बेहतर कारगर साबित होती है। यदि ओपीडी में कोई मरीज क्रोनिक या सर्जरी की स्थिति का आता है तो उसे ओखला स्थित रीजनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ यूनानी मेडिसिन में रेफर किया जा रहा है।
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