धर्मशाला। धार्मिक मान्यता है कि श्राद्ध पितरों के प्रति सम्मान और श्रद्धा का भाव लेकर करने चाहिए। इस बार श्राद्ध पक्ष 14 सितंबर से शुरू होगा। 13 सितंबर को पूर्णिमा का श्राद्ध होगा। 16 दिन तक चलने वाले श्राद्ध पक्ष के दौरान लोग पितरों को श्रद्धा अर्पित करेंगे। इसके अतिरिक्त 25 सितंबर को एकसाथ दो श्राद्ध होंगे। पंडित किशन शर्मा और उद्यालक शर्मा ने बताया साल में श्राद्ध पक्ष के 16 दिन पितरों के प्रति श्रद्धा अर्पित करने का समय है। 28 सितंबर को श्राद्ध संपन्न होंगे। द्वितीय श्राद्ध 15 सितंबर की दोपहर 12:24 बजे से लेकर 16 सितंबर की दोपहर 2:36 बजे तक रहेगा। द्वितीय तिथि बढ़ी हुई है।
25 सितंबर को एकादशी और द्वादशी के श्राद्ध एक साथ होंगे। 28 सितंबर को सर्व पितृ श्राद्ध किए जाएंगे। इसके बाद 29 सितंबर से नवरात्र शुरू होंगे, जो आठ अक्टूबर तक होंगे। पंडितों के अनुसार, श्राद्ध में कई ऐसे कार्य हैं, जिन्हें वर्जित माना गया है। उनके अनुसार श्राद्ध में कोई भी नया काम शुरू नहीं करना चाहिए। श्राद्ध में नए घर का निर्माण और प्रवेश नहीं करना चाहिए, इससे हानि होती है। इसके साथ ही विवाह संबंधी कार्यों को भी वर्जित माना गया है। इसके साथ ही किसी तरह की खरीदारी को भी श्राद्ध में वर्जित माना गया है। श्राद्ध में पूजा-पाठ के साथ जन्मदिन मना सकते हैं। श्राद्व के दौरान पितरों की पूजा की जाती है, ऐसे में शराब व मांस आदि का सेवन करने से बिल्कुल परहेज करना चाहिए।
हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post