नई दिल्ली। नया मोटर वाहन अधिनियम-2019 एक सितंबर से पूरे देश में लागू कर दिया गया है। इसके साथ ही देश भर के वाहन चालकों व मालिकों के लिए उनके ड्राइविंग लाइसेंस (DL) और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) में भी कुछ जरूरी बदलाव किए गए हैं। एक सितंबर से ही इन बदलवों को भी लागू कर दिया गया, लेकिन इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को है।
फिलहाल इन बदलावों को दिल्ली और गुजरात के करोड़ों वाहन चालकों के लिए अनिवार्य रूप से लागू किया गया हैं। इसका असर दिल्ली व गुजरात के सभी वाहन चालकों व मालिकों पर पड़ेगा। धीरे-धीरे इन बदलावों को यूपी-बिहार समेत पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा। इसकी प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। लिहाजा सभी वाहन चालकों के लिए इन नए नियमों को जानना बेहद जरूरी है। इन बदलावों की जानकारी आपको ट्रैफिक के भारी चालान से भी राहत दिला सकती है।
नए मोटर व्हीकल एक्ट को लागू करने के साथ ही सरकार ने देश भर के वाहन चालकों के लिए डीएल और आरसी से मोबाइल नंबर को लिंक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। याद रखें कि एक मोबाइल नंबर पर अधिकतम पांच वाहन ही रजिस्टर हो सकते हैं। अन्य राज्यों में भी इसकी प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है और बहुत जल्द ही इन बदलावों को अनिवार्य कर दिया जाएगा। नए वाहन पंजीकरण और ड्राइविंग लाइसेंस में आरटीओ द्वारा ही मोबाइल नंबर को लिंक किया जा रहा है। पुराने वाहन या डीएल धारकों को खुद ऑनलाइन या आरटीओ कार्यालय जाकर मोबाइल नंबर अपडेट कराना होगा।
केंद्र सरकार का प्रयास है कि वाहन चालकों को परिवहन विभाग संबंधी सभी सेवाएं ऑनलाइन प्रदान की जाएं। इससे वाहनों चालकों का समय तो बचेगा ही साथ ही उन्हें भ्रष्टाचार से भी राहत मिलेगी। इसके अलावा केंद्र सरकार व अन्य सरकारी संस्थाओं के पास सभी वाहनों और ड्राइविंग लाइसेंस का पूरा डाटा, मोबाइल नंबर सहित उपलब्ध होगा। जरूरत पड़ने पर पुलिस अथवा आरटीओ अथवा कोई अन्य एजेंसी आसानी से वाहल चालक अथवा वाहन मालिक से संपर्क कर सकती है। इसके लिए देशभर के आरटीओ को ऑनलाइन करने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है।
बता दें कि ट्रैफिक पुलिस जब ई-चालान करती है तो वाहन चालक को उसका कोई आभास नहीं होता है। वाहन चालकों को ई-चालान का पता तभी चलता है, जब उन्हें इसका एसएमएस अलर्ट मिले या फिर घर पर ई-चालान पहुंचे। मोबाइल नंबर अपडेट न होने या घर का पता बदलने पर आपको ई-चालान का पता नहीं चलेगा। ऐसे में हो सकता है आपका कई बार ई-चालान हो चुका हो और आपको इसका पता तब चले जब कभी ट्रैफिक पुलिस आपको रोककर चालान काटे या आप अपनी गाड़ी बेचने या बीमा कराने जा रहे हों। इसके अलावा आपका ई-चालान बहुत पुराना होने पर कोर्ट से आपके खिलाफ सम्मन भी जारी हो सकता है। ऐसे में आपकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
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