भीलवाड़ा। आर्थिक तंगी से परेशान होकर राजस्थान के भीलवाड़ा में एक फाइनेंसर ने खुद की हत्या कराई। उसने यह कदम इसलिए उठाया ताकि उसके बीमा के 50 लाख रुपए परिवार को मिल सके। फाइनेंसर ने 80 हजार रुपए में अपनी हत्या की सुपारी दी थी। पुलिस ने सोमवार को हत्याकांड में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
भीलवाड़ा एसपी हरेंद्र महावर ने बताया कि 3 सिंतबर को फाइनेंसर बलबीर खारोल नाम के व्यक्ति की लाश गुवारड़ी नाले में मिली थी। उसके हाथ-पैर बंधे थे। मुंह पर पॉलीथीन बंधी थी। मृतक के भाई की तहरीर पर मांगरोल थाने में हत्या का मुकदमा दर्जकर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पुलिस ने दो आरोपियों राजवीर और सुनील यादव को गिरफ्तार किया। राजवीर फाइनेंसर के साथ साझेदारी में में ढाबा भी चलाता था। आरोपियों ने पूछताछ के दौरान सुपारी लेकर हत्या की बात कबूल कर ली।
पुलिस की पड़ताल में भी मृतक पर कर्ज की बात सामने आई थी। पुलिस ने जब गहराई से जांच की तो पता चला कि मृतक बलबीर ने 3 अगस्त को 50 लाख रुपए का बीमा करवाया था। इसका 5,832 रुपए का प्रीमियम भी जमा करवाया था। इस बीमा का दावा 28 अगस्त से शुरू होना था। ऐसे में फाइनेंसर ने 2 सितंबर को अपनी हत्या करवाने की साजिश रची।
पुलिस के मुताबिक, 2 अगस्त को दोनों हत्यारोपी बलबीर को बाइक पर गुवारड़ी नाले पर ले गए। वहां उसने अपने पैर बांध लिए और फिर आरोपी सुनील से हाथ बंधवाए। इसके बाद राजवीर से रस्सी से गला घोंटने को कहा। हत्या के बाद आरोपी शव को वहीं फेंककर चले आए थे। पुलिस ने यह भी बताया कि मृतक ने राजवीर को 80 हजार रुपए देने का लालच दिया था। 10 हजार रुपए एडवांस में भी दिए थे।
पुलिस ने बताया कि बलबीर ने करीब 20 लाख रुपए लोगों को ब्याज पर उधार दिया। लेकिन, पैसा वापस नहीं मिल पा रहा था, जिस कारण वह आर्थिक तंगी में आ गया था। परिवार पालने का उसे कोई रास्ता नहीं सूझा तो अपना बीमा करवाकर हत्या की साजिश रची। ताकि मौत के बाद पत्नी और बेटे को रुपए मिल जाए।
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