सड़कों पर स्ट्रीट लाइटें लगाने के नाम पर गाज़ियाबाद नगर निगम से 3.37 करोड़ रुपए लेकर मैसर्स व्हाइट प्लाकार्ड टेक्नालजी प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी गायब हो गई है। हालांकि एक माह पहले नगर निगम ने कंपनी को एक नोटिस भेजा था मगर उसका जवाब आज तक नहीं आया है।
इस वजह से गाज़ियाबाद की पथप्रकाश व्यवस्था ठप्प हो गई है। निगम के सूत्रों के मुताबिक 14 हजार से भी ज्यादा एलईडी स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं। अब नगरायुक्त दिनेश चन्द्र ने प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर कंपनी का अनुबंध रद्द कर कार्यवाही करने की मांग की है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश शासन ने मैसर्स व्हाइट प्लाकार्ड टेक्नालजी प्राइवेट लिमिटेड को गाज़ियाबाद की सभी स्ट्रीट लाइटों को एलईडी में बदलने का ठेका दिया था। ठेके की शर्तों के अनुसार फार्म को कुल 50,240 एलईडी लाइटें लगानी थी। जबकि कंपनी ने केवल 35,388 लाइटें बदलने के बाद काम बंद कर दिया और इनमें से भी 10% लाइटें कुछ दिनों बाद खराब होकर बंद हो गई।
इसके बावजूद भी कंपनी ने 3.37 करोड़ रुपए की मांग की। भुगतान से पहले शासन ने गाजियाबाद नगर निगम से काम की रिपोर्ट मांगी। राजेन्द्र त्यागी, मनोज चौधरी, अजय शर्मा और जाकिर सईफ़ी आदि पार्षदों ने भुगतान का विरोध किया। इन पार्षदों का आरोप था कि कंपनी ने अनुबंध की शर्तों के अनुसार काम नहीं किया है।
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