अवैध निर्माण गाज़ियाबाद की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) अकसर अवैध निर्माण चिह्नित तो कर देता है लेकिन संसाधनों और राजनैतिक दबाव के चलते अवैध निर्माण तोड़ना जीडीए के लिए एक बड़ी समस्या बन चुका है।
इसके चलते जीडीए ने फैसला लिया है कि अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए प्राइवेट एजेंसी की मदद ली जाएगी। इसके लिए ग्रेटर नोएडा आथॉरिटी की तरह यहां पर प्राइवेट एजेंसी को बुलाने के लिए जीडीए ने अपनी वेबसाइट पर इसकी सूचना जारी की है। जीडीए की इंजीनियरिंग विंग इस मामले में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की भी मदद ले रही है। वहां के नियम और शर्तों का भी अध्ययन किया जा रहा है। आने वाले दो से तीन दिन के भीतर ईओई मांगा जाएगा।
जीडीए के चीफ इंजीनियर वीएन सिंह का कहना है कि जीडीए के पास अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए पर्याप्त उपकरण नहीं है, इसलिए प्राइवेट एजेंसी को हायर किया जाएगा। पहले एक महीने तक उनसे ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कराई जाएगी। यदि सब कुछ ठीक रहा तो एजेंसी को एक्सटेंड कर दिया जाएगा। जरूरत पड़ी तो जीडीए खुद ही ध्वस्तीकरण के उपकरणों को खरीदने का प्रयास करेगा। मजदूरों और मशीनरी का इस्तेमाल करने को कहा जीडीए की शर्त है कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में बारूद का प्रयोग नहीं किया जाएगा। मजदूर और मशीनरी से एजेंसी को अवैध निर्माण को ध्वस्त करना होगा। जबकि शाहबेरी में अवैध निर्माण तोड़ने के लिए बारूद का इस्तेमाल करने के लिए एजेंसी को कहा गया है।
सूत्रों के अनुसार एजेंसी फाइनल होने के बाद जीडीए क्षेत्र के हिसाब से अवैध निर्माण की सूची देगा। एजेंसी को पुलिस-प्रशासन का प्रोटेक्शन भी दिया जाएगा। इससे वह बिना डर अवैध निर्माण ध्वस्त कर सके। लक्ष्य के हिसाब से कार्रवाई नहीं होती है तो एजेंसी पर 10 फीसदी जुर्माना भी लगेगा।
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