सराय काले खां से मेरठ तक बनने वाले हाई स्पीड कॉरिडोर के साथ अब एनसीआरटीसी सात स्थानों पर एफओबी (फुटओवर ब्रिज) भी बनाएगा। इसके लिए जगह चिह्नित हो गई है। एफओबी बन जाने के बाद सड़क पार करने वाले पैदल यात्रियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
शनिवार को मेरठ मंडलायुक्त अनीता सी मेश्राम ने जीडीए सभागार में सभी विभागों के अधिकारियों की बैठक में रैपिड रेल प्रोजेक्ट की समीक्षा की। बैठक में अधिकारियों को पहले चरण का काम 2023 तक पूरा करने के निर्देश दिए गए। मंडलायुक्त की बैठक में जीडीए, मेरठ विकास प्राधिकरण, नगर निगम, एनसीआरटीसी, यूपीएसआईडीसी, रोडवेज और पुलिस समेत कई विभागों के अफसर मौजूद रहे।
रैपिड रेल कॉरिडोर और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की समीक्षा बैठक के दौरान मंडलायुक्त ने कहा कि दिल्ली-मेरठ हाइवे पर ट्रैफिक का दबाव ज्यादा रहता है। कई बार लोगों को जाम का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इस कॉरिडोर पर एनसीआरटीसी गाजियाबाद से मेरठ के बीच सात एफओबी बनाकर तैयार करेगा। गाजियाबाद में सिहानी चुंगी पर एक, मुरादनगर में दो और मोदीनगर में तीन एफओबी बनाए जाएंगे। इनके अलावा मेरठ सीमा के मोहिउद्दीनपुर में एफओबी बनाया जाएगा।
रैपिड रेल प्रोजेक्ट में नगर निगम, मुरादनगर और मोदीनगर पालिका की जमीन पर भी निर्माण होगा। ऐसे में इन विभागों की ओर से एनसीआरटीसी से जमीन की रकम की मांग की गई है। मंडलायुक्त ने बताया कि सर्किल रेट के आधार पर प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। इस संबंध में 21 अगस्त को लखनऊ में उच्चाधिकारियों की बैठक होनी है। इस बैठक में इस मसले पर अंतिम सहमति बन सकती है।
मंडलायुक्त ने कहा कि रैपिड रेल के लिए तैयार होने वाले कास्टिंग यार्ड के लिए फिलहाल वसुंधरा में जमीन दे दी गई है। मेरठ और गाजियाबाद में दो डिपो भी बनाए जाएंगे। स्टेशन के लिए प्राइवेट जमीन चिह्नित की गई है। इसकी खरीद की प्रक्रिया भी जल्द पूरी की जाएगी।
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