जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में सोमवार को स्कूल-कॉलेज खुल गए हैं। कश्मीर के शोपिया में 15 दिन बाद बच्चे स्कूल जाते नजर आए। आपको बता दें कि राज्य प्रशासन ने प्रदेश के सभी स्कूलों-कॉलेजों और सरकारी दफ्तरों को सोमवार से खोलने का निर्देश जारी किए थे। प्रशासन के मुताबिक, कुल 190 स्कूलों को खोला जाएगा। मालूम हो कि पांच अगस्त को गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने की घोषणा करने से पांच घंटे पहले कश्मीर में कर्फ़्यू लगा दिया गया था। इसके बाद से ही स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया था।
कश्मीर घाटी के 50 पुलिस थाना क्षेत्रों में रविवार को प्रतिबंधों में ढील दी गयी। हालांकि, श्रीनगर के कुछ हिस्सों में हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बाद प्रतिबंधों को और कड़ा कर दिया गया। इस बीच, जम्मू क्षेत्र के पांच जिलों में इंटरनेट सेवाओं की बहाली के एक दिन बाद इसे फिर से बंद कर दिया गया। सरकारी प्रवक्ता रोहित कंसल ने यहां रविवार की शाम संवाददाताओं को बताया, ”निषेधाज्ञा में ढील देने की प्रक्रिया जारी है। प्रदेश के 50 पुलिस थाना क्षेत्रों में रविवार को प्रतिबंधों में ढील दी गयी जबकि शनिवार को 35 थाना क्षेत्रों में ऐसा किया गया था।”
जम्मू में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने सीआरपीसी की धारा 144 को फिर से लागू करने की अफवाहों का खंडन किया है। यह धारा एक स्थान पर चार से ज्यादा लोगों के जमा होने पर रोक लगाती है। अधिकारी ने साथ ही जम्मू में स्कूलों के बंद होने से इनकार किया और कहा कि जिले में हालात पूरी तरह सामान्य हैं। जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “धारा 144 को फिर से लागू करने व स्कूलों के बंद करने की अफवाह पूरी तरह निराधार है। जम्मू जिले के किसी भी हिस्से से किसी तरह की अवांछित घटना की सूचना नहीं है।”
जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक मुकेश सिंह ने भी हालात को स्पष्ट करते हुए बयान जारी किया। उन्होंने कहा, “राजौरी या गुज्जर नगर में कुछ घटनाओं के संदर्भ में अफवाहें फैलाई जा रही हैं। जम्मू में हड़ताल के संदर्भ में अफवाहें फैलाई जा रही हैं, जिसकी वजह से पेट्रोल पम्पों पर लंबी कतारें हैं…इस तरह की अफवाहें झूठी हैं।”
सिंह ने कहा, “इस तरह की कोई घटना नहीं हुई जैसा कि कहा जा रहा है। 2जी नेटवर्क अस्थायी रूप से कुछ तकनीकी वजहों से डिस्कनेक्ट किया गया है, जिसे सुधारा जा रहा है और जल्द से जल्द कनेक्टिविटी बहाल करने के प्रयास जारी हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि अफवाह फैलाने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि 300 हज जायरीनों का पहला जत्था रविवार को सउदी अरब से कश्मीर वापस लौटा। उन्होंने बताया कि जायरीनों की सुरक्षित घर वापसी के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गए थे। अधिकारियों ने बताया, हाजियों का स्वागत करने के लिए हवाईअड्डे पर परिवार के केवल एक सदस्य को अनुमति दी गई है। हाजियों और उनके रिश्तेदारों की आवाजाही के लिए सभी जिला प्रशासनों के समन्वय के साथ राज्य सड़क परिवहन प्राधिकरण (एसआरटीसी) की बसों को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों को तीर्थयात्रियों और उनके रिश्तेदारों को उन इलाकों से गुजरने देने की अनुमति देने के निर्देश दिए गए है जहां पाबंदियां लागू हैं।
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