राजधानी दिल्ली में अब कोई भी व्यावसायिक वाहन बिना आरएफआईडी के प्रवेश नहीं कर सकेगा। यह व्यवस्था आज रात से लागू हो जाएगी। लेकिन सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अब तक सिर्फ 80 हजार के करीब गाड़ियों ने ही आरएफआईडी टैग लिए हैं। सरकार द्वारा बॉर्डरों पर छह जगहों पर आरएफआईडी टैग देने की व्यवस्था की गई है। लेकिन इससे पहले टैग लेने के लिए लगी लाइनों से कई बॉर्डरों पर जाम बढ़ने लगा है। इसकी वजह से टैग कंपनी ने अतिरिक्त व्यवस्था भी की है।
ईपीसीए ने साफ किया है कि अगर कोई कमर्शल गाड़ी बिना आरएफआईडी के दिल्ली में एंट्री करती है तो पहले हफ्ते में उससे दोगुना टोल टैक्स और ईसीसी, दूसरे हफ्ते में चार चार गुना टोल टैक्स और ईसीसी और तीसरे हफ्ते में छह गुना टोल टैक्स और ईसीसी देना होगा। आरएफआईडी टैग 235 रुपये में लिया जा सकता है। शुक्रवार की रात से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी, जिसके बाद बॉर्डरों पर ट्रकों की भारी लाइनें लग सकती हैं।
ईपीसीए के अनुमान के अनुसार, 50 से 60 पर्सेंट गाड़ियां बिना आरएफआईडी के आ सकती हैं। इसलिए दिल्ली पुलिस को भी निर्देश दिए गए हैं। यूपी के बॉडरों पर आठ और हरियाणा के बॉर्डरों पर 12 पुलिस टीमों को लगाने के लिए कहा गया है ताकि ट्रैफिक को मैनेज किया जा सके। आज रात 12 बजे से ट्रकों के चालान शुरू हो जाएंगे। साउथ एमसीडी ने ईपीसीए को जो रिपोर्ट दी है, उसके मुताबिक प्रतिदिन करीब 6 से 7 हजार टैग लिए जा रहे हैं। अभी तक करीब 80 हजार गाड़ियों ने टैग लिए हैं। इनमें से तीन हजार गाड़ियां ऐसी हैं, जो प्रतिदिन दो बार बॉर्डर क्रॉस करती हैं। दिल्ली में 13 एंट्री कुंडली, रजोकरी, टिकरी, आया नगर, कालिंदी कुंज, कापसहेड़ा, शाहदरा मेन, शाहदरा फ्लाइओवर, गाजीपुर, डीएनडी, बदरपुर-फरीदाबाद मेन, बदरपुर-फरीदाबाद फ्लाइओवर पर यह व्यवस्था लागू हो रही है।
कहां-कहां मिल रहे टैग
मानेसर सेक्टर-1, टिकरी बॉर्डर, बहादुरगढ़ न्यू बस स्टैंड, कोंडली, नैशनल हाईवे-1 पर इंडियन पेट्रोल पंप के पास, गाजियाबाद में आईटीएस कॉलेज, मोहन नगर, एनएच-24 ब्रिज, यूपी गेट, एनएचएआई बदरपुर टोल।
ईपीसीए के चेयरमैन भूरे लाल के अनुसार, 13 टोल की सभी लेन पर इसे लागू कर दिया गया है। उम्मीद है कि अब दो से तीन दिनों में ही व्यवस्था सही हो जाएगी। ट्रक ऑपरेटरों और कमर्शल गाड़ियों को काफी समय दिया जा चुका है।
गौरतलब है कि एलजी अनिल बैजल ने 15 जुलाई को आरएफआईडी को लांच किया था, बावजूद इसके अब तक 80 हजार के करीब ही टैग बिके हैं। इस प्रॉजेक्ट के अगले चरण में दस साल पुराने ट्रकों को दिल्ली में एंट्री से रोकने में आसानी मिलेगी। प्रदूषण कम होगा। टोल कंपनी टेक्सीडेल के सीईओ आकाश सिन्हा के अनुसार, बॉर्डरों पर टैग लेने के लिए अभी लंबी कतारें हैं, इससे कुछ जगहों पर जाम की शिकायतें हैं। अभी हमने व्यवस्था को काफी बढ़ा दिया है। आनेवाले दो से तीन दिनों में भीड़ अधिक बढ़ने की संभावना है। इसलिए पहले टैग के लिए 20 मशीनों के साथ लोग टोल पर लगाए गए थे, अब उनकी संख्या 80 के करीब कर दी गई है।
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