पिछले सात माह के दौरान गाजियाबाद जिले में टीबी से 92 लोगों की मौत हो गई। जबकि वर्ष 2018 में टीबी से हुई मौत का आंकड़ा 329 था। इसके अलावा वर्ष-2017 में टीबी से 290 मरीजों की मौत हुई।
जिले में टीबी से हुई मौतों के आंकड़े इतने चौंकाने वाले हैं कि हर कोई उन्हें जानकर सन्न रह जाता है। हालांकि, जिला टीबी विभाग का दावा है कि पिछले कुछ वर्षों में टीबी मरीज को चिन्हित करने का कार्य बड़ी मेहनत से किया गया। इसी का नतीजा है कि सरकारी अस्पतालों के साथ प्राइवेट अस्पतालों में पहुंचने वाले टीबी मरीजों की चिन्हित करने व उनके इलाज में काफी सुधार हुआ है।
जिला टीबी विभाग ने पिछले सात माह के दौरान सरकारी कर्मचारियों ने 6052 टीबी मरीज चिन्हित किए। जबकि प्राइवेट अस्पतालों में 2801 टीबी मरीजों इलाज के लिए आए। यानि सात माह के दौरान कुल 8853 टीबी मरीज चिन्हित किए गए। इनमें से 92 टीबी मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके अलावा वर्ष-2018 में सरकारी कर्मचारियों ने 10366 व प्राइवेट 3206 टीबी मरीज चिन्हित किए गए। अर्थात वर्ष-2018 में कुल 13572 मरीज इलाज के लिए चिन्हित किए गए,जिसमें से 329 टीबी मरीजों की मौत हो गई।
इसी तरह वर्ष-2017 में सरकारी कर्मचारियों ने 9139 व प्राइवेट अस्पतालों में 1013 टीबी मरीजों को चिन्हित किया गया। इस तरह कुल 10152 टीबी मरीजों को चिन्हित किया। इसमें से 290 मरीजों की मौत हो गई। एक तरफ प्रदेश सरकार वर्ष-2025 तक टीबी को जड़ से समाप्त करने के उदेश्य से कार्य किया जा रहा है। दूसरी तरफ टीबी से होने वाली मौतों का आंकड़ा चौंकाने वाला है।
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