गाजियाबाद के संजय नगर स्थित संयुक्त जिला अस्पताल प्रबंधन ने जगह नहीं मिलने के चलते प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र को ट्रॉमा सेंटर के शौचालय में ही खोल दिया।
आपको बता दें कि यह शौचालय भी मानकों को ताक पर रखकर गंभीर मरीजों के वार्ड में बेड से सटाकर बनाया गया है। इससे मरीजों और तीमारदारों मेंसंक्रमण होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। 14 बेड के ट्रामा सेंटर में सभी मरीजों के लिए एक ही शौचालय होने के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
संजयनगर स्थित संयुक्त जिला अस्पताल जिले का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है। पिछले एक साल से इसमें प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र खोलने की कवायद चल रही थी। लेकिन जगह उपलब्ध न होने के कारण इसे मरीजों के लिए शुरू नहीं किया जा रहा था। काफी मशक्कत के बाद भी जगह न मिलने पर अस्पताल प्रबंधन ने ट्रामा सेंटर में मरीजों के लिए बने शौचालय को जनऔषधि केंद्र को दे दिया और ट्रॉमा सेंटर में बने गंभीर मरीजों के वार्ड में शौचालय बना दिया। हैरानी की बात यह है कि इस शौचालय को वार्ड में मरीजों के बेड से बिल्कुल सटाकर बना दिया गया है। इससे मरीज को दिक्कत होती है।
इस व्यवस्था से ज्यादातर चिकित्सक भी नाराज हैं। उनका कहना है कि ट्रामा सेंटर में गंभीर रोगियों को ही भर्ती किया जाता है। इसके अलावा दुर्घटनाओं में घायल मरीजों को यहीं लाया जाता है। वार्ड में शौचालय होने से मरीजों को संक्रमण होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। चिकित्सकों का कहना है कि जनऔषधि केंद्र के लिए अस्पताल में कोई अन्य जगह दी जा सकती थी।
प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र के संचालक फतेह बहादुर सिंह का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन को ही हमें जगह देनी है। ऐसे में जो जगह अस्पताल प्रबंधन को सही लगी,वहीं हमें दी गई है। जब तक कोई आदेश नहीं आएगा, केंद्र यहीं रहेगा। वहीं अस्पताल के सीएमएस डॉ. नरेश वीज का कहना है कि जगह नहीं मिलने पर प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र को शौचालय की जगह दी गई है। शौचालय मरीजों के वार्ड में बनाया है। अस्पताल में दूसरी कोई जगह उपलब्ध नहीं है।
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