पाकिस्तान की नेशनल असेम्बली में कश्मीर पर चर्चा आयोजित करने के लिए संयुक्त सत्र बुलाया गया, जिसमें प्रधानमंत्री इमरान खान खुद ही अनुपस्थिति रहे। इस कारण विपक्ष ने सदन में जबरदस्त हंगामा किया, जिसके बाद संसद की कार्यवाही रोक दी गई और अध्यक्ष अपने कक्ष में लौट गए।
न्यूज़ 18 के अनुसार जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आलोचना की थी। इसी के मद्देनजर पाक राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने मंगलवार को संयुक्त संसदीय सत्र बुलाया था। इसके लिए राष्ट्रपति ने समन जारी किया था। ऐसा कहा जा रहा है कि इमरान सरकार कश्मीर मुद्दे को लेकर अंतरराष्ट्रीय अदालत जा सकती है। साथ ही पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को अमेरिका के सामने भी उठाएगा। आईसीजे में इससे पहले भी भारत-पाक के कई मुद्दों पर सुनवाई हो चुकी है।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की इस घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादित क्षेत्र माना गया है। एफओ ने कहा, ‘भारत सरकार द्वारा उठाये गये किसी भी एकतरफा कदम से इस क्षेत्र का दर्जा नहीं बदल सकता है, जैसा कि यूएनएससी के प्रस्तावों में निहित है।’ वहीं विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि कश्मीर में स्थिति पहले से अधिक गंभीर है. उन्होंने कहा, ‘हम हमारे कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेंगे।’ उधर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष और विपक्षी नेता शहबाज शरीफ समेत पाकिस्तान के कई राजनीतिज्ञों ने भी भारत के इस कदम की कड़ी निंदा की है।
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