जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) की पूर्व सदस्य शेहला राशिद ने कहा कि वह इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी। राष्ट्रीय राजधानी में रह रहे कश्मीरी छात्रों ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने के केंद्र सरकार के कदम को तानाशाही करार देते हुए घाटी में रह रहे अपने परिवारों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। राशिद पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल की राजनीतिक पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपल्स मुवमेंट (जेकेपीएम) की भी सदस्य हैं।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘हम आज पारित हुए आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे। ‘सरकार की जगह ‘राज्यपाल और ‘संविधान सभा की जगह ‘विधानसभा करना संविधान के साथ धोखाधड़ी है। प्रगतिशील तबकों से एकजुटता दिखाने की अपील करती हूं। आज दिल्ली और बेंगलुरु में प्रदर्शन होगा।’ राशिद ने यह भी दावा किया कि कश्मीरी लोगों के मोबाइल फोन की इंटरनेट स्पीड को भी धीमा कर दिया गया है।
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