मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में बिजली मीटर रीडिंग करने वाले कर्मचारियों ने अपनी खुन्नस कुछ इस तरह निकाली कि उस क्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं के होश ही उड़ गए। बात पाली कस्बे की है, यहां मीटर रीडिंग पढ़ने वाले एक प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी थे। कंपनी ने उनकी सैलरी नहीं दी। इस नाराजगी में इन्होंने सभी उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग बढ़ा-चढ़ाकर लिख दी, नतीजा यह हुआ कि कई लोगों के बिल लाखों रुपये में आए।
कुछ उपभोक्तओं के बिल 4 लाख से 15 लाख रुपयों तक के थे। जब ये हैरान-परेशान उपभोक्ता पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी पहुंचे तब जाकर पता चला कि तकनीकी गड़बड़ी की वजह से ऐसा हो गया है। कंपनी ने उन्हें आश्वासन दिया कि बिल सही करने की सभी जरूरी कार्रवाई की जाएगी।
गंगे सिंह (75) नाम के एक आदिवासी उपभोक्ता का एक महीने का बिल 5.6 लाख रुपयों का आया। गंगे सिंह कहते हैं, ‘मुझे तो दिल का दौरा पड़ जाएगा।’ पिछले महीने ही उनका बिल महज 214 रुपये का आया था जो उन्होंने सही समय पर भर दिया था। पाटपारा गांव के यह बुजुर्ग कहते हैं, ‘मेरे घर में कुल दो सीलिंग फैन और चार सीएफएल हैं। मैं हमेशा समय से बिल जमा करता हूं। मेरा बिल कैसे 5.6 लाख का आ सकता है।’
इसी तरह अनिल सुंदरानी का बिल 15 लाख रुपयों का आया है। अनिल की परचून की दुकान है। वह कहते हैं, ‘मेरा बिल आमतौर पर 1200 से 1500 के बीच आता है लेकिन इस बार तो हद ही हो गई। मैं इसे लेकर कंपनी गया तो उन लोगों ने कहा कि वे मेरा बिल सही कर देंगे मुझे इतनी रकम देने की जरूरत नहीं है।’
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के उमरिया सर्कल के एग्जिक्युटिव इंजिनियर एलके नामदेव ने बताया, ‘बिलिंग का काम एक प्राइवेट कंपनी को आउटसोर्स किया गया था। बताया जाता है कि उन्होंने पाली में मीटर रीडिंग करने वाले अपने 7 कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया था।’
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘नाराज कर्मचारियों ने मीटर रीडिंग गड़बड़ चढ़ा दी। इन सातों को बर्खास्त कर दिया गया है। हेड ऑफिस से हमें मीटर रीडिंग पढ़ने वाले लोग मिल गए हैं। इस बीच हमने बिल सही करने के लिए कैंप लगाए हैं। किसी को कोई दिक्कत हो तो हमसे संपर्क कर सकता है।’
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