कानपुर में जुम्मे की नमाज से पहले शहर की कई मस्जिदों में तीन तलाक बिल के खिलाफ तकरीरें कीं गईं। आइम्मा मसाजिद ने कहा की तीन तलाक बिल शरीयत के पूरी तरह खिलाफ हैं। मुसलमानों को चाहिए कि वह दीन की हिफाजत के लिए शादी ब्याह और विरासत के मामले शरई पंचायतों में आपसी रजामंदी से हल कराएं। नई मस्जिद बाबू पुरवा में शहर काजी मौलाना रियाज अहमद हशमती और मौलाना तनवीर बिलाल ने कहा की तीन तलाक बिल शरीयत के खिलाफ है। मुसलमान सब कुछ कर सकता है लेकिन शरीयत की खिलाफवर्जी नहीं कर सकता।
गद्दियांना ईदगाह के इमाम मौलाना हाशिम अशरफी ने कहा कि बिल शरीयत में दखल अंदाजी है। मुसलमानों को चाहिए कि वह अपने मामलों का हल खुद करें जिस तरह से लोग जमीन की खरीद-फरोख्त में या ऐसे ही मामलों में बड़ों से सलाह मशवरा करते हैं, उसी तरह पति पत्नी के बीच ताल्लुकात खराब हो जाने पर उलमा या मस्जिदों के इमामों से राब्ता करें।
अपने दीन को महफूज रखें। सईदाबाद मस्जिद, हीरामन पुरवा मस्जिद और तलाक महल मस्जिद में भी तकरीरे की गई। सभी मस्जिदों में बिल के खिलाफ दुआएं मांगी गई। मुसलमानों को सलाह दी गई कि वह विरोध में कोई ऐसा काम न करें जिससे परेशानी हो। उलमा इस मामले में संजीदगी से और कर रहे हैं।
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