उन्नाव रेप केस मामले की सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने पीड़िता के चाचा को दिल्ली के तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी की स्थिति में पीड़ित परिवार सेक्रेटरी जरनल के पास किसी भी वक्त आ सकता है। वहीं, इस बहुचर्चित मामले में पीड़िता के परिवार को सीआरपीएफ की सुरक्षा प्रदान की गई है।
कोर्ट में पीड़िता के वकील ने बताया कि पीड़िता अभी भी गंभीर हालत में वेंटिलेटर पर है और उसके परिजन लखनऊ में ही इलाज कराना चाहते हैं। कोर्ट ने इस मामले को लंबित रखते हुए अगली सुनवाई सोमवार के लिए तय कर दी। प्रदेश सरकार का कहना था कि पीड़िता की हालत पहले से बेहतर है। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि पीड़िता और उसके वकील को एयरलिफ्ट करने में परेशानी नहीं है।
बता दें कि मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता तथा न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने बंद कमरे में सुनवाई की। इस दौरान उन्नाव बलात्कार कांड से जुड़े पांच आपराधिक मामलों की सुनवाई का जिम्मा तीस हजारी अदालत के जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा की अदालत को सौंपा।
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