गाज़ियाबाद जिले के इतिहास में शायद यह पहली बार हुआ है जब करोड़ों की चोरी के मामले में में पुलिस ने शत-प्रतिशत रिकवरी की है। पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक प्रेसवार्ता में मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने स्वयं माना कि पिछले दस पंद्रह वर्षों में किसी चोरी की इतनी बड़ी रिकवरी सामने नहीं आई। उन्होंने इस बड़ी कामयाबी के लिए गाजियाबाद के एसएसपी सुधीर कुमार सिंह व उनकी टीम की प्रशंसा की। चोरी की एक कड़वी सच्चाई यह भी है कि वारदात के पीछे व्यापारी का वह ड्राइवर था जिसे सने बच्चे की तरह पाला। ड्राइवर का पिता भी व्यापारी की कोठी में गार्ड की नौकरी करता था जबकि ड्राइवर की मां साफ-सफाई का कार्य करती थी। प्रेसवार्ता में मेरठ रेंज के आईजी आलोक कुमार सिंह, एसएसपी सुधीर कुमार सिंह, एसपी सिटी श्लोक कु्मार, सीओ अतिश कुमार, कविनगर एसएचओ राजकुमार शर्मा व उनकी टीम भी मौजूद रही।
कांवड़ के दौरान कविनगर में रहने वाले (मकान नंबर-के.एल-106)व्यापारी अंकुश बंसल 27 जुलाई को बच्चे के जन्मदिन पर एक होटल में परिवार समेत खाना खाने गया था। वापस लौटने पर कोठी का मेन दरवाजा खुला हुआ था। कमरों में सामान बिखरा पड़ा था। मकान मालिक का उस दौरान कहना था कि चोर करीब एक करोड़ रुपए से अधिक का माल ले गए। पुलिस पूछताछ में ड्राइवर पर शक इसलिए नहीं गया कि वह बचपन से नौकरी कर रहा था। कांवड़ के चलते चोरी की इस वारदात की जानकारी मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार व आईजी आलोक कुमार तक पहुंच गई। दोनों अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी सुधीर कुमार सिंह को चोरी का खुलासा करने के निर्देश दिए। जांच पड़ताल के दौरान पुलिस व्यापारी के ड्राइवर पर नजर रखे हुए थी। 31 जुलाई को पुलिस ने व्यापारी अंकुश बंसल के चालक भागचंद व उसके दो साथी मनीष उर्फ मंगल व प्रिन्स उर्फ नेवला का रात करीब साढ़े आठ बजे बम्हैटा गेट के सामने एनएच-24 से मय चोरी के लाइसेंसी विदेशी रिवाल्वर, 32 बोर का एक तमंचा व दो जिंदा कारतूस, एक चाकू व चोरी के 80 हजार रुपए और चोरी की एक घड़ी समेत गिरफ्तार किया।
ड्राइवर ने बनाकर दी घर की डुप्लीकेट चॉबी
पुलिस के अनुसार ड्राइवर भागचंद की पकड़े गए प्रिन्स उर्फ नेवला पुत्र मुकेश निवासी शैलेंद्र उर्फ टिल्लू का मकान गांव रजापुर थाना कविनगर से दोस्ती थी। प्रिंस को कर्जा चुकाने के लिए रुपए की जरुरत थी,जिस पर दोनों ने चोरी की योजना बनाई,बल्कि ड्राइवर ने व्यापारी अंकुश बंसल के मकान की डुप्लीकेट चॉबी बनाकर प्रिंस को दी थी।
दो माह तक किया मनीष उर्फ मंगल का जेल से आने का इंतजार
प्रिंस उर्फ नेवला की पहचान शातिर बदमाश की मनीष उर्फ मंगल से थी। वह इन दिनों जेल में बंद था और 23 जुलाई को छूटने वाला था। पकड़े गए प्रिंस व ड्राइवर ने बताया कि दोनों ने दो माह तक मनीष व मंगल का जेल से बाहर आने का इंतजार किया। वह 23 जुलाई को जेल से छूट कर आया। 25 जुलाई में दोनों ने मनीष को चोरी के योजना समझाई और वारदात वाले दिन सुबह ड्राइवर व प्रिंस ने उसे व्यापारी अंकुश बंसल के मकान की डुप्लीकेट चॉबी सौंप दी।
पकड़े गए आरोपियों के घर से बरामद हुई लाखों की नकदी
पुलिस ने पकड़े गए चोरों के घरों से लाखों की नकदी समेत अनेक कीमती सामान बरामद किया है। ड्राइवर भागचंद के कविनगर घर से पुलिस को बीस लाख रुपए, मनीष उर्फ मंगल के रजापुर घर से 14 लाख 80 हजार रुपए, डायमंड व सोने का हार आदि जेवरात के साथ चांदी की एक थाली बरामद की है जिसकी कीमत लाखों रुपए की बताई जा रही है। जबकि प्रिंस उर्फ नेवला के रजापुर घर से 12 लाख रुपए व उसके पिता से एक लाख 85 हजार रुपए बरामद किए। पुलिस के मुताबिक बरामद कुल नकद राशि 49 लाख 45 हजार पांच सौ रुपए बरामद हुए है। इसके अलावा एक विदेशी रिवाल्वर 32 बोर, एक तमंचा 315 बोर, दो जिंदा कारतूस, सोने का एक हार, सात अंगूठी सोने व हीरे की, छह सोने व हीरे के कड़े, दो सोने व हीरे की चेन एक घड़ी, एक जोड़ी बिछआ आदि सामान बरामद हुआ। व्यापारी ने भी माना कि चोरी का 95 प्रतिशत माल बरामद हुआ।
एसएसपी ने खुलासा करने वाली टीम को दिया 25 हजार का इनाम
एडीजी जोन ने पुलिस टीम को 50 हजार रुपये का इनाम दिया है तो एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने चोरी का खुलासा करने वाली कविनगर पुलिस टीम को 25 हजार का ईनाम देने की घोषणा की। उन्होंने माना कि चोरी के प्रकरण से व्यापारी वर्ग में रोष था और कानूनी व्यवस्था की स्थिति भी खराब हो सकती थी,लेकिन इसके बावजूद कविनगर पुलिस ने चार दिन के भीतर पूरे मामले का खुलासा कर दिया।
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