मुथुलक्ष्मी रेड्डी सामाजिक असमानता, लिंग आधारित असमानता और आम जनता को पर्याप्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की दिशा में अपने प्रयासों के लिए भी जानी जाती हैं। मुथुलक्ष्मी तमिलनाडु के सरकारी अस्पताल में सर्जन के रूप में काम करने वाली पहली महिला भी थीं।
उनका जन्म 1886 में हुआ था। जब उनकी शादी की बात शुरू हुई तो उन्होंने जल्दी शादी को ठुकराते हुए मेडिकल स्कूल में पढ़ाई करना ज्यादा बेहतर समझा। ग्रेजुएशन के बाद मुथुलक्ष्मी ने मद्रास मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया, जहां उनकी दोस्ती एनी बेसेंट और सरोजिनी नायडू से हुई।
अपने जीवनकाल में मुथुलक्ष्मी ने कम उम्र में लड़कियों की शादी रोकने के लिए नियम बनाए और अनैतिक तस्करी नियंत्रण अधिनियम को पास करने के लिए परिषद से आग्रह किया। अपने महान योगदान के चलते मुथुलक्ष्मी को 1956 में पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 22 जुलाई 1968 को चेन्नई में उनका निधन हो गया था।
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