गाज़ियाबाद। डबल आवंटन के संकट में फंसे 450 परिवारों को राहत मिलने की उम्मीद है। जीडीए ने इन प्रकरणों को डबल आवंटन की श्रेणी से बाहर रखने की सिफारिश शासन से की है। प्राधिकरण ने ईडब्ल्यूएस होते हुए उससे बड़े मकान के आवंटन को डबल आवंटन न मानने का सुझाव दिया है। पहले आवंटित मकान को बेच कर जीडीए से खरीदे दूसरे को इस श्रेणी से बाहर रखने की सिफारिश की है।
450 परिवार कई वर्षों से इस नीति के तहत डबल आवंटन के संकट में फंसे हुए हैं। ये परिवार रियायत की गुहार लगाते रहे हैं। इस पर प्राधिकरण की तरफ से जांच कराई गई। जिसमें पाया गया कि ज्यादातर प्रकरणों में पारिवारिक जरूरतें बढ़ने पर दूसरा आवास लिया गया। ईडब्ल्यूएस होते हुए स्कीम के माध्यम से बड़ा आवास लिया गया। कई प्रकरण ऐसे भी सामने आए कि एक आवास बेच कर आवंटी ने स्कीम या नीलामी के जरिए दूसरा आवास खरीद लिया। अधिकारियों ने मंथन के बाद तय कि किया कि दोनों ही सूरत में परिवारों को रियायत दी जानी चाहिए। इन्हें डबल आवंटी की श्रेणी से बाहर किया जाना चाहिए। इस संबंध में प्राधिकरण ने अपनी सिफारिश शासन को भेज दी है। नीति में संशोधन करने की मांग की है।
जीडीए वीसी कंचन वर्मा का कहना है कि डबल आवंटन के मामलों में प्रमुख सचिव से बात हुई है। जो लोग पहले ईडब्ल्यूएस में रहते थे, परिवार बढ़ने पर उन्होंने बड़ा मकान खरीद लिया। ऐसे प्रकरण में डबल आवंटन न मानने की सिफारिश की गई है। एक मकान बेच कर जीडीए से खरीदे गए दूसरे मकान को इस श्रेणी से बाहर रखने का सुझाव दिया है।
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