मोदीनगर में सालों से बंद पड़े कपड़ा मिल के श्रमिकों द्वारा भुगतान विवाद को लेकर सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी के बाद मंगलवार को मोदी कपड़ा मिल छावनी में तब्दील कर दी गई। सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी देने वाले पूर्व पालिकाध्यक्ष अध्यक्ष रामआसरे शर्मा को पुलिस ने घंटों नजरबंद रखा। जिलाधिकारी ने निगरानी कमेटी बनाने के साथ साथ मिल से स्क्रैप निकालने पर रोक लगा दी है।
बंद पड़ी कपड़ा मिल के श्रमिकों और प्रबंधन के बीच 12 प्रतिशत ब्याज सहित बकाया भुगतान देने की सहमति बनी थी। इसके बाद एक निजी कंपनी ने स्क्रैप निकालने का काम शुरू कर दिया था। लेकिन पूर्व चेयरमैन रामआसरे शर्मा ने विरोध करते हुए इसे मजदूरों के साथ धोखा बताया था। इसके साथ ही उन्होने स्क्रैप निकला बंद न होने पर मंगलवार सुबह मिल गेट पर आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी। मंगलवार सुबह से ही कपड़ा मिल गेट पर पीएसी के अलावा कई थानों की भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई थी। एसडीएम डीपी सिंह व सीओ केपी मिश्रा ने रामआसरे शर्मा व रामदास शर्मा को वार्ता के लिए तहसील बुलाकर नजरबंद रखा। इसके बाद प्रशासन से चली लंबी वार्ता में कई मुद्दों पर सहमति बन गई।
एडीएम डीके सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी से जिला स्तरीय निगरानी समिति बनाने का अनुरोध किया है। फिलहाल 30 जुलाई तक फैक्ट्री से स्क्रैप नहीं निकलने दिया जाएगा। श्रमायुक्त व जीएसटी के अधिकारियों को इस संबंध में सूचित किया गया है।