विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय गूगल की प्रिवेसी पॉलिसी एक बार फिर से सवालों के घेरे में है। हाल में आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि गूगल अब यूजर्स के बेडरूम तक पहुंच गया है। रिपोर्ट के मुताबिक गूगल के थर्ड पार्टी वर्कर्स यूजर्स की निजी बातों को ना सिर्फ सुन रहे हैं बल्कि उसे रिकॉर्ड भी कर रहे हैं।
आज गूगल हम सब की जिंदगी अहम हिस्सा बन गया है। स्मार्टफोन और टेक्नॉलजी के इस दौर में बिना गूगल के रहना लगभग नामुमकिन है। गूगल यूजर्स को कई ऐसी सर्विस देता है जिससे रोजमर्रा के काम काफी आसान होते जा रहे हैं।
गूगल सही और ऐक्युरेट जानकारी पहुंचाने के लिए यूजर की ऑनलाइन ऐक्टिविटी को लगातार मॉनिटर करता है। फिलहाल आइए जानते हैं कि कैसे गूगल के पास अपने यूजर्स की लगभग सारी डिटेल मौजूद रहती है और वह किन-किन चीजों पर नजर रखता है। एक दिन में आपके बारे में क्या-क्या जानता है Google:
ऑफिस के लिए निकलना
आप ऑफिस जाने के लिए करीबी मेट्रो स्टेशन जाते हैं। रास्ते में आप मोबाइल में खबरें पढ़ते हैं और म्यूजिक सुनते हैं।
घर से ऑफिस का रूट
Google Maps आपकी लोकेशन को ट्रैक करता है। GPS आपके IP एड्रेस के साथ कोर्डिनेट करता है। यह आपको ट्रैक करने के लिए करीब के सेल टावर्स और Wi-Fi एक्सेस पॉइंट का भी इस्तेमाल कर सकता है।
कैसी खबरें पढ़ते हैं आप
गूगल आपकी सर्च हिस्ट्री को रिकॉर्ड करता है और आपकी दिलचस्पी का पता लगाता है और विज्ञापनों के साथ उसी हिसाब का कंटेंट (खबरें) आपको उपलब्ध कराता है।
म्यूजिक ऐप जानते हैं आपकी पसंद
गूगल सर्च की तरह म्यूजिक ऐप इस चीज को रिकॉर्ड करता है कि आप किस तरह का म्यूजिक सुनते हैं और उसी हिसाब से आपका प्रोफाइल बनाता है और आपको टारगेटेड ऐड भेजता है।
इन चीजों का भी डेटा कलेक्ट करता है गूगल:
लोकेशन का डेटा
गूगल आपके बारे में इतना डेटा जुटा लेता है कि यह आपको बताता है कि आप वॉक कर रहे हैं, दौड़ रहे हैं या किसी गाड़ी में चल रहे हैं।
क्रेडिट और डेबिट कार्ड के डीटेल्स
Google Pay के पास न केवल आपके क्रेडिट और डेबिट कार्ड के डीटेल्स होते हैं, बल्कि आपने क्या प्रॉडक्ट खरीदा है इसका डेटा भी गूगल पे के पास रहता है। गूगल पे यह डेटा भी अपने पास रखता है कि आपने कितनी बार कोई प्रॉडक्ट खरीदा है। यह लोकेशन और दुकानदार का डेटा भी रखता है। यह आपको इसी हिसाब से टारगेटेड ऐड भेजता है।
ई-मेल को स्कैन करता है गूगल
आपकी दिलचस्पी का पता लगाने के लिए गूगल आपके ई-मेल को स्कैन करता है। गूगल आपके ई-मेल के कंटेंट के आधार पर विज्ञापन कस्टमाइज करता है और आपको भेजता है।
YouTube विडियो
यह विडियो प्लेटफॉर्म इस बात को रिकॉर्ड करता है कि आप किस तरह के विडियो देखते हैं। साथ ही, आप विडियो कहां और कब देखते हैं। अगर आप YouTube के विडियो को नॉन-गूगल वेबसाइट पर देखते हैं तो यह आपको ट्रैक करता है। गूगल की डेटा कलेक्शन मुहिम में Android और क्रोम अहम प्लेटफॉर्म है। नॉन-गूगल ऑपरेटिंग सिस्टम पर भी गूगल की पहुंच आपके डेटा तक रहती है।
थर्ड पार्टी ऐप्स की भी जानकारी
ऐंड्रॉयड डिवाइस पर अगर आप थर्ड-पार्टी ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं तो भी गूगल के पास इसकी जानकारी होती है।
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