अमेठी के पूर्व सांसद और निवर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज अमेठी पहुंचे, जहां वे पार्टी कार्यकतार्ओं के साथ कांग्रेस के इस पूर्व गढ़ में देश की सबसे पुरानी पार्टी की हार के कारणों पर चर्चा करेंगे। अमेठी पहुंचने से पहले राहुल गांधी का लखनऊ हवाई अड्डे पर पहुचने पर जोरदार स्वागत किया गया। हालांकि, इस बार हवाई अड्डे पर उनके स्वागत के लिये कम संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे थे। कई वरिष्ठ नेता नेताओं की गैर मौजूदगी भी आश्चर्य का विषय है।
हालांकि पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी, पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता जैसे विनोद मिश्रा, वीरेंद्र मदान, सर्बजीत सिंह मक्कड़ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष का स्वागत करने के लिए लखनऊ अमौसी हवाई अड्डे पर मौजूद थे। इस अवसर पर लगभग 5० कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्त्ता भी गेट के बाहर मौजूद थे जहाँ उन्होंने “राहुल गाँधी तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ है” के नारे लगाए। इसके बाद गांधी अमेठी के लिए रवाना हो गये।
अमेठी में गांधी 12 बजे से तीन बजे तक गौरीगंज क्षेत्र में एक शैक्षिक और तकनीकी संस्थान में पार्टी कार्यकतार्ओं के साथ बैठक करेंगे जहाँ जिला से ब्लॉक स्तर के कांग्रेस नेताओं को आमंत्रित किया गया है। गांधी के आज शाम को नई दिल्ली लौटने की उम्मीद है। लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से चुनाव हारने के बाद श्री गांधी की अमेठी की यह पहली यात्रा है।
इस बीच, अमेठी की अपनी पहली यात्रा पर आये राहुल गांधी को एक पोस्टर युद्ध का सामना करना पड़ा। अमेठी में उनके खिलाफ जगह -जगह पोस्ट लगे हैं। मुशीगंज इलाके में संजय गांधी अस्पताल के पास कई पोस्टर लगाए गए है, जहाँ गांधी से पूछा गया है कि इस अस्पताल में आने वाले मरीज की मौत क्यों होती है। पोस्टर में लिखा है “न्याय करो, न्याय करो, दोषियों को सजा दो।”
आपको बता दें कि राहुल गांधी विदेश से लौटने के बाद 2004 में अमेठी से पहली बार चुनाव जीत कर सांसद बने थे। अमेठी में वो अपनी मां सोनिया गांधी की सीट पर चुनाव लड़ रहे थे, सोनिया ने 2004 में राहुल गांधी के लिए अमेठी सीट छोड़ी थी, जहां से वो निवर्तमान सांसद थीं, इसके बाद सोनिया ने रायबरेली सीट से चुनाव लड़ा था। गांधी परिवार का गढ़ रहा अमेठी सीट से राहुल के चाचा संजय गांधी, पिता राजीव गांधी व मां सोनिया गांधी सांसद रह चुकी थीं।
2019 के चुनाव में भाजपा की स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 55 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। हालांकि स्मृति ईरानी यहां से 2014 में चुनाव भी हारी थीं लेकिन 2019 में वो जनता का विश्वास जीतने में कामयाब रहीं।
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