उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित खनन घोटाला मामले में केंद्रीय प्रवर्तन ब्यूरो (CBI) ने बुधवार को छापेमारी की। ये छापे बुलंदशहर के जिलाधिकारी (DM) अभय कुमार सिंह के निवास पर मारे गए हैं। खनन मामले में अभय कुमार सिंह भी रडार पर थे, ऐसे में सीबीआई ने अब कार्रवाई की है। ये मामला उस समय का है जब राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और अखिलेश यादव राज्य के मुख्यमंत्री थे।
डीएम आवास पर हुई छापेमारी में बड़ी संख्या में नोट बरामद होने की जानकारी है। जिसके चलते सीबीआई टीम ने अब नोट गिनने की मशीन भी मंगाई है। सीबीआई की टीम बुलंदशहर के डीएम के घर पूरी तैयारी के साथ छापा मारने गई थी। इस दौरान 4 गाड़ियां वहां पहुंची थी, जिनमें से दो गाड़ियां जरूरी दस्तावेज़ को अपने साथ ले गई है। अभी भी पूछताछ जारी है।
अभय सिंह, सितंबर 2013 से लेकर जून 2014 तक फतेहपुर के डीएम रह चुके हैं। अभय कुमार सिंह 2007 बैच के यूपी कैडर के IAS अधिकारी हैं। वह बुलंदशहर के अलावा फतेहपुर, रायबरेली और बहराइच के भी डीएम रह चुके हैं।
सूत्रों की मानें तो 2012 और 2016 के बीच कुल 22 टेंडर पास किए गए थे, जो विवाद में आए। इन 22 में से 14 टेंडर तब पास किए गए थे, जब खनन मंत्रालय अखिलेश यादव के पास ही था। बाकी के मामले गायत्री प्रजापति के कार्यकाल के हैं।
इस मामले में सीबीआई काफी एक्टिव है और देश के अलग-अलग हिस्सों में छापेमारी कर चुकी है। जिसमें गायत्री प्रजापति के अलावा IAS अधिकारी बीएस चंद्रकला के घर पर भी छापे पड़े थे। बीएस चंद्रकला बिजनौर और मेरठ की डीएम भी रह चुकी हैं।
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