भारत की पहली महिला वित्तमंत्री यानी निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार, 5 जुलाई को संसद में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में महिलाओं की स्वर्णिम भूमिका रही है, ख़ासकर ग्रामीण महिलाओं की। वित्तमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ‘महिला केंद्रित योजनाओं’ से आगे बढ़ना चाहती है। इस दौरान निर्मला सीतारमण ने महिलाओं के लिए कुछ सौगातें पेश कीं, जिन्हें जानना सभी के लिए बेहद जरुरी है।
सरकार की महिला योजनाएं ‘नारी तू नारायणी’ पर आधारित है।
महिला स्वयं सहायता समूहों का हर जिले में होगा गठन।
महिलाओं को जनधन खाते में 5 हजार का ओवर ड्राफ्ट मिल सकेगा।
महिलाओं के लिए अलग से एक लाख रुपये के मुद्रा लोन की व्यवस्था की जाएगी।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखने वाली महिलाओं की कारोबार में मदद के लिए 15वें वित्तीय आयोग के तहत अलग स्कीम लाई जाएगी।
वित्तमंत्री ने संसद में महिला सांसदों की संख्या का भी ज़िक्र किया और कहा, “इस बार संसद में सबसे ज्यादा महिलाएं चुनकर आई हैं और हमने 78 महिला सांसदों के साथ रिकॉर्ड बनाया.”
बजट पेश होने से एक दिन पहले गुरुवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2018-2019 की रिपोर्ट जारी हुई जिसमें बताया गया है कि बचत खाता रखने और उसका इस्तेमाल करने वाली भारतीय महिलाओं की संख्या में बढ़कर 53% हो गई है।
बता दें, निर्मला सीतारमण से पहले देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 28 फरवरी 1970 को वित्त मंत्री के रूप में पहला बजट पेश किया था।
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