महिलाओं में क्यों बढ़ रहा है सर्वाइकल कैंसर का खतरा, जानिए असली वजह

सर्वाइकल कैंसर महिलाओं को होने वाली ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से हर 7 मिनट में एक भारतीय महिला की मौत होती है। 31-45 वर्ष आयुवर्ग की महिलाओं में इसके होने की संभावना सबसे अधिक होती है।

इस बारे में श्री जगन्नाथ चैरिटेबल कैंसर हॉस्पिटल के डॉक्टर ऋषि कुमार गुप्ता (एमबीबीएस, एमडी रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट) का कहना है कि कैंसर गर्भाशय ग्रीवा (uterine cervix) से शुरू होता है, जो धीरे-धीरे शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलता है। इससे बचने के लिए समय रहते लक्षणों को पहचानना
तथा नियमित रूप से जाँच कराते रहना बेहद जरूरी है।

कारण
सर्वाइकल कैंसर गर्भनिरोधक गोलियों के अधिक इस्तेमाल, असुरक्षित यौन संबंध, गर्भधारण के कारण एचवीपी संक्रमण, एल्कोहल और सिगरेट का सेवन तथा जेनेटिक कारणों से होता है।

लक्षण
महिलाओं में मौत का चौथा सबसे बड़ा कारण बन चुके सर्वाइकल कैंसर के लक्षण संबंध बनाने के दौरान योनि से रक्त स्राव, पीरियड साइकल के बीच में खून दिखना, सामान्य से ज्यादा पीरियड होना, असामान्य डिस्चार्ज और पेट के निचले हिस्से में दर्द होना आदि के रूप में पहचाने जा सकते हैं।

इलाज –
डॉ. ऋषि कुमार गुप्ता बताते है कि, अगर सर्वाइकल कैंसर के बारे में शुरुआती स्टेज पर पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है। इसलिए महिलाओं को चाहिए कि नियमित रूप से पैप स्मीयर टेस्ट (papanicolaou test) कराती रहें, एचपीवी वायरस से बचाव के टीके भी लगवाएँ, धू्म्रपान से परहेज करें, रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हेल्दी खाना खाएँ तथा नियमित व्यायाम करें।

गौरतलब है कि, कैंसर चैरिटेबल सोसाइटी द्वारा मेरठ रोड दुहाई गाज़ियाबाद में स्थापित श्री जगन्नाथ धर्मार्थ कैंसर अस्पताल में मरीजों का रियायती दर पर प्रभावी इलाज किया जाता है। यही वजह है कि चिकित्सकों व स्टाफ के कुशल व्यवहार, मरीजों की सेवा व प्रभावी इलाज की वजह से इस अस्पताल की पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक अलग पहचान है।

 

 

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