शहर में फैली गंदगी को साफ करने के लिए गाज़ियाबाद नगर निगम ने एक अच्छी पहल शुरू की है। इससे शहर में प्लास्टिक वेस्ट की समस्या जल्द ही दूर होगी। निगम सड़क निर्माण में तारकोल के साथ सात से आठ फीसदी प्लास्टिक वेस्ट का इस्तेमाल करेगा।
नगर आयुक्त दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि प्लास्टिक से बनी वस्तुओं जैसे कैरी बैग, कप, फोम, और बोतलों का उपयोग करने के बाद उसे कूड़े में फेंक दिया जाता है। इससे शहर का ड्रेनेज सिस्टम चोक हो जाता है। आवारा पशु भी इन्हें खा लेते हैं और उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। प्लास्टिक को जलाया भी नहीं जा सकता, इससे हानिकारक गैसें निकलती हैं। सॉलिड वेस्ट में प्रतिदिन करीब आठ से 10 फीसदी प्लास्टिक वेस्ट होता है। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक वेस्ट को रीसाइकिल करने के लिए सिहानी में नगर निगम के गैराज की जमीन पर एक प्लांट लगाया गया है।
नगर निगम के चीफ इंजीनियर मोइनुुद्दीन ने बताया कि चार मीटर चौड़ी और एक किमी लंबी सड़क बनाने में करीब 18 टन तारकोल का प्रयोग होता है। इतनी ही सड़क बनाने में 1300 किग्रा प्लास्टिक का उपयोग होगा। इससे सड़क निर्माण में प्रति किमी करीब 40 हजार रुपये की बचत भी होगी। वहीं प्लास्टिक वेस्ट के इस्तेमाल से सड़क और मजबूत बनेगी। ट्रायल के तौर पर 100 मीटर सड़क ऐसे स्थान पर बनाई जाएगी, जहां वाहनों का दबाव अच्छा-खासा होगा। प्रयोग सफल रहा तो शहर की अन्य सड़कों में भी प्लास्टिक वेस्ट का प्रयोग होगा।
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