बैंकिंग से लेकर बीमा क्षेत्र तक जुलाई महीने से ग्राहकों को कई राहत मिलेंगे। इसमें सबसे अहम आरबीआई का आरटीजीएस (RTGS) और एनईएफटी (NEFT) के लेनदेन पर शुल्क को खत्म करने का फैसला है, जिससे इनका लेनदेन करना सस्ता हो जाएगा। वहीं एसबीआई होम लोन को रेपो दर के अनुकूल बनाएगी, जिससे कर्ज सस्ता हो सकता है। वहीं झटके वाली बात है कि एनएससी, पीपीएफ, एफडी जैसे बचत योजनाओं पर घटी ब्याज दर प्रभावी हो गई हैं।
आरबीआई आरटीजीएस और एनईएफटी पर बैंकों से अब प्रोसेसिंग और टाइम वैरिंग चार्ज नहीं वसूलेगा। हालांकि बैंक ग्राहकों से इस फीस से ज्यादा शुल्क वसूलते हैं। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के चेयरमैन सुनील मेहता ने कहा कि आरबीआई की प्रोसेसिंग फीस और टाइम वैरिंग चार्ज खत्म होने के बाद बैंक भी ग्राहकों से कम शुल्क लेंगे। आरटीजीएस से बड़ी धनराशि एक से दूसरे खाते में तत्काल स्थानांतरित करने की सुविधा है। एनईएफटी के जरिये अधिकतम दो लाख रुपये तत्काल किसी भी खाते में डाले जा सकते हैं। इन दोनों पर इंटरनेट बैंकिंग और बैंक शाखा का शुल्क लगता है। स्टेट बैंक एनईएफटी पर एक से पांच रुपये लेता है। आरटीजीएस पर 5 से 50 रुपये शुल्क है।
छोटे बचत खातों पर चेक जैसी मुफ्त सुविधाएं
प्राथमिक बचत खाता धारकों को चेकबुक और अन्य सुविधाएं मुफ्त में मिलेंगी। ऐसे खातों को जीरो बैलेंस अकाउंट भी कहा जाता है। पहले सामान्य बचत खातों को ही चेक जैसी सुविधाएं निशुल्क मिलती थीं और इन खातों में न्यूनतम राशि रखने की जरूरत होती है। उन्हें रुपे कार्ड और अन्य सुविधाएं देने से भी बैंक मना नहीं कर सकते।
एसबीआई का होम लोन सस्ता होगा
एसबीआई एक जुलाई से रेपो दर से जुड़ी होम लोन योजना पेश करेगा। इससे 30 लाख रुपये तक के होम लोन पर ब्याज दर 0.15 से 0.25 फीसदी तक कम हो सकती है। हालांकि पहले से चल रही एमसीएलआर प्रणाली जारी रहेगी और ग्राहक इनमें कोई भी विकल्प चुन सकेंगे। रेपो दर आधारित होम लोन में ब्याज दर बढ़ने के साथ होम लोन की दरें बढ़ेंगी और कम होने पर घटेगी।
बचत योजनाओं पर कम ब्याज
पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, एनएससी जैसी योजनाओं के लिए जुलाई से सितंबर की तिमाही में ब्याज दर 0.10 फीसदी कम हो जाएगी। किसान विकास पत्र, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और बैंकों की सावधि जमा पर भी कम ब्याज मिलेगा। हालांकि बैंक खाते में जमा पर ब्याज चार फीसदी ही रहेगा।
बीमा कंपनियों को बताना होगा पॉलिसी स्टेटस
इरडा का आदेश लागू होने के बाद सभी बीमा कंपनियों के लिए पॉलिसी धारकों को बीमा की स्थिति के बारे में एसएमएस के जरिये अपडेट देना अनिवार्य हो जाएगा। पॉलिसीधारक को क्लेम की प्रक्रिया और अन्य संदेशों की नियमित जानकारी मिलेगी, ताकि नवीनीकरण या दावे के निपटारे में परेशानी न आए।
निवेशक यूपीआई से कर सकेंगे भुगतान
सेबी एक जुलाई से छोटे निवेशकों को यूपीआई के जरिये भुगतान करने की सुविधा देगा। भविष्य में इस प्रणाली के जरिये शेयरों की खरीद-फरोख्त पूरी तरह चालू हो जाएगी।
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