मां और बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए पहला बच्चा शादी के दो वर्ष बाद और दो बच्चों के बीच तीन वर्ष का अंतर रखना कितना जरूरी है, दंपति संपर्क पखवाड़े के दौरान आशा और एएनएम इस बात की जानकारी दे रही हैं। यह दंपति संपर्क पखवाड़ा 27 जून से चल रहा है और 10 जुलाई तक चलेगा।
प्रसव के बाद कई बार लापरवाही के चलते गर्भ ठहर जाता है और जब तक इस बात का पता चलता है तब दम्पति खुद को मुश्किल में पाता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन के गुप्ता कहते हैं कि यहीं परिवार नियोजन की अहमियत पता चलती है। परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी डॉ. संजय अग्रवाल ने बताया कि दंपति संपर्क पखवाड़े के दौरान आशा और एएनएम दम्पति को ऐसी ही छोटी-छोटी बातें बताएंगी, ताकि परिवार नियोजन में कोई चूक न होने पाए।
उन्होंने बताया कि पूर्ण स्तनपान कराने वाली मां प्रसव के छह माह बाद और आंशिक स्तनपान कराने वाली मां तीन माह बाद गर्भ निरोधक गोली माला एन का प्रयोग कर सकती है, जबकि गर्भ निरोधक गोली छाया को दोनों ही मामलों में प्रसव के तुरंत बाद से शुरू किया जाना चाहिए। गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा, जो हर तीन माह पर लगाया जाता है, पूर्ण स्तनपान कराने वाली मां छह माह बाद ले सकती है जबकि आंशिक स्तनपान कराने वाली मां को प्रसव के बाद से ही शुरू कर देना चाहिए। आईयूसीडी का प्रयोग प्रसव के छह सप्ताह बाद किया जा सकता है।
नसबंदी के बारे में डा. संजय अग्रवाल ने बताया कि पुरूष नसबंदी कभी भी कराई जा सकती है, बशर्ते नसबंदी कराने वाले पुरूष की आयु 60 वर्ष से कम हो और उसका एक बच्चा हो। महिला नसबंदी प्रसव के सात दिन बाद तक या फिर छह सप्ताह बाद कराई जा सकती है। महिला और पुरूष नसबंदी की सुविधा सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि छाया और अंतरा का इस्तेमाल गर्भपात के सात दिन के भीतर शुरू करना होगा। इसके अलावा आईयूसीडी गर्भपात के 12 दिन बाद तक इस्तेमाल की जा सकती है। दम्पति संपर्क पखवाड़े का आयोजन परिवार नियोजन के लिए जरूरी बारीकियां समझाने के उद्देश्य से ही किया जा रहा है।
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